रांची: राज्य के मुख्यमंत्री पर ईडी द्वारा हो रही कार्रवाई पर पूर्व मंत्री और रांची में वर्तमान में विधायक सीपी सिंह ने कहा है कि सीएम को आदिवासी कार्ड खेलना बंद करना चाहिए. जिस तरह से उनके कार्यकर्ता ईडी को धमकी दे रहे हैं, यह उचित नहीं है. सीपी सिंह ने कहा कि ईडी एक स्वायत्त केंद्रीय एजेंसी है और वह अपने अधिकारों व कर्तव्यों के दायरे में काम कर रही है. ये बातें सीपी सिंह ने जोहार लाइव से उस समय कही जब मुख्यमंत्री के आवास में ईडी के अधिकारी उनसे पूछ-ताछ कर रहे हैं. दोपहर से जारी पूछताछ के बीच सीपी सिंह ने जोहार लाइव से सामने अपनी बात रखी.

मोदी ने कहा था ‘न खाएंगे, न खाने देंगे’

सीपी सिंह ने कहा कि मोदी जी ने कहा था – न खाएंगे, न खाने देंगे. यहां तो जो खाए हैं, उसे निकाला भी जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार उनपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के प्रति जवाबदेह है और उन्हें जवाब देना चाहिए. कोई भी कार्रवाई यूं ही नहीं होती, किसी न किसी सूत्र या प्रमाण के आधार पर ही ये कार्रवाई होती है. साहेबगंज या जमीन घोटाले के मामले में जो इनपुट ईडी को मिली होगी, उसी पर वे पूछताछ करना चाहते हैं. यह एक प्रक्रिया है.

ईडी न जांच करे, तो अराजकता फैलेगी

पूर्व मंत्री ने ईडी पर किसी भी तरह के राजनीतिक जवाब का खंडन करते हुए कहा कि जो गुनहगार होते हैं, वे तो कहेंगे ही कि एजेंसी प्रभावित है. राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. चाहे वह केंद्र की एजेंसी हो, या राज्य की. एजेंसी जांच करेगी ही, अगर एंजेसी जांच नहीं करेगी तो समाज में अराजकता की स्थिति पैदा होगी. लोग खुले आम भ्रष्टाचार में संलिप्त हो जाएंगे.

राजनीतिक बदलाव की भविष्यवाणी नहीं कर सकता

जोहार लाइव ने जब सीपी सिंह से पूछा कि क्या ईडी की कार्रवाई से कोई बड़ा राजनीतिक बदलाव आ सकता है? तो उन्होंने कहा कि वे कोई आकाशवाणी या भविष्यवाणी नहीं कर सकते. ईडी आपना काम कर रही है, सीएम को इस कार्रवाई में सहयोग करना चाहिए, ताकि भ्रष्टाचार का खात्मा हो सके. इस कार्रवाई का असर क्या होगा, इसपर वे कुछ नहीं कह सकते.

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