नई दिल्ली : असम के करीमगंज में एक रैली को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रमुख अजमल ने मुस्लिम महिलाओं को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि मुस्लिम IAS-IPS और डॉक्टर महिलाओं को हिजाब पहनना चाहिए. अगर मुस्लिम महिलाओं को हिजाब पहनना या अपने बाल ढंकना नहीं आता तो उन्हें मुस्लिम के रूप में कैसे पहचाना जाएगा.’
सभा के दौरान बदरुद्दीन अजमल ने कहा, ‘बाहरी इलाकों में मैंने देखा है कि लड़कियां जब पढ़ने जाती हैं तो सिर पर हिजाब रहता है. उनका सिर नीचे होता है और वह आंखें नीचे की तरफ करके जा रही होती हैं. लेकिन असम की बात की जाए तो लड़कियों का हिजाब में रहना जरूरी है. सिर के बाल को छिपाकर रखना और हिजाब पहनना यह हमारे धर्म में है.’
बदरुद्दीन अजमल ने कहा, ‘लड़कियों के बाल शैतान की रस्सी होते हैं. लड़कियों का मेकअप शैतान की रस्सी होता है. इसलिए बाजार में जाने से पहले उनका सिर ढका और आंखें झुकी होनी चाहिए. साइंस लेकर पढ़ाई करो, डॉक्टर बनो या आईएएस और APS बनो. अगर आप इन चीजों को फॉलो नहीं करेंगे तो कैसे समझ आएगा कि मुसलमान डॉक्टर या आईपीएस कौन है. वह भी लोग हैं, हम भी लोग हैं. फर्क का अंदाजा कैसे करेंगे.
पहले भी दे चुके विवादित बयान
बता दें कि बदरुद्दीन अजमल पहले भी अपने बयानों के कारण चर्चा में रहे हैं. पिछले साल अक्टूबर के महीने में उनके एक बयान से विवाद खड़ा हो गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि हम (मुस्लिम) चोरी, डकैती, रेप, लूट.. सभी अपराधों में नंबर-1 हैं. हम जेल जाने में भी नंबर-1 हैं. हालांकि, बाद में अपने बयान पर सफाई देते हुए अजमल ने कहा था कि दुनियाभर में मुस्लिम समुदाय में शिक्षा की कमी है. हमारे बच्चे पढ़ते नहीं है. वो हायर एजुकेशन के लिए नहीं जाते, यहां तक कि मैट्रिक की पढ़ाई भी नहीं करते. इसलिए पढ़ाई का महत्व समझाने के लिए उन्होंने ऐसा कहा था.
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