रांचीः झारखंड राज्य पेयजल स्वच्छता मिशन के तहत अनुबंध में काम कर रहे कर्मचारियों ने राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन किया. राज्य सरकार से इनकी मांग है कि आउटसोर्सिंग के जरिए हो रही कर्मचारियों की बहाली पर रोक लगाकर इनका सेवा विस्तार किया जाए.

पेयजल स्वच्छता मिशन अनुबंध कर्मचारी संघ के मुख्य संरक्षक अशोक कुमार सिंह ने कहा कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के तहत केंद्रीय प्रोग्राम जल स्वच्छता मिशन 12 साल से चल रहा है और इसी योजना को प्रभावी बनाने को लेकर हम लोगों की बहाली अनुबंध के आधार पर हुई थी और हमलोगों के द्वारा केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना को ब्लॉक स्तर से लेकर गांव स्तर तक प्रभावी बनाने का कार्य किया जाता है.

केंद्र सरकार ने पेयजल और स्वच्छता विभाग मिशन की राशि में बढ़ोतरी कर दी है और एक गाइडलाइन जारी किया है कि जो भी पहले से अनुबंध के आधार पर कार्य कर रहे थे, उन्हीं का विस्तार करते हुए इस योजना को धरातल पर प्रभावी बनाया जाएगा, लेकिन राज्य सरकार ने इस पर बेईमानी करते हुए अपने निजी कंपनियों के माध्यम से बहाल करने का कार्य कर रही है. इसी को लेकर हम लोग विरोध कर रहे हैं और तब तक विरोध रहेगा जब तक राज्य सरकार अपने फैसले को वापस नहीं लेती है.

बता दें कि भारत सरकार के पेयजल और स्वच्छता विभाग के द्वारा चल रहे महत्वकांक्षी योजना जल स्वच्छता मिशन को ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी बनाने के लिए 12 साल पूर्व इन कर्मचारियों की नियुक्ति अनुबंध पर हुई थी. लेकिन राज्य सरकार ने निजी कंपनियों के जरिए नए सिरे से आउटसोर्सिंग पर बहाली करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इससे ये कर्मचारी दिसंबर माह से बेरोजगार हो जाएंगे. लिहाजा आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा कर्मचारियों के नियुक्ति के खिलाफ अनुबंध कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है.

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