Joharlive Desk
नयी दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना महामारी के कारण विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी और भारत में फंसे विदेशियों के उनके देश जाने के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है।
केन्द्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा गया है कि जो
भारतीय नागरिक कोरोना महामारी के कारण लागू की गयी पूर्णबंदी के चलते विदेशों में फंस गये थे वे अब स्वदेश आ
सकते हैं। इसी तरह भारत में अलग अलग हिस्सों में फंसे विदेशी नागरिक भी अपने अपने देश लौट सकते हैं ।
इस बारे में मानक संचालन प्रक्रिकया आज जारी कर दी गयी।
मंत्रालय ने वहां फंसे अपने नागरिकों के साथ साथ उन भारतीयों को भी यहां आने की अनुमति दे दी है जो अति आवश्यक कार्य या सामाजिक दायित्वों को पूरा करने के लिए देश आना चाहते हैं। स्वदेश आने के इच्छुक लोगों को जहां वे फंसे हुए हैं वहां भारतीय मिशनों से संपर्क कर जरूरी दस्तावेजों के साथ पंजीकरण कराना होगा।
यात्रा के लिए परेशानी में फंसे लोगों, अल्पावधि वीजाधारकों , मेडिकल इमरजेंसी , गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को प्राथमिकता दी जायेगी। यात्रियों को यात्रा का खर्च खुद वहन करना होगा। पंजीकरण के आधार पर विदेश मंत्रालय
इन लोगों को विमानों और जहाजों से वापस लाने का कार्यक्रम तैयार करेगा।
विदेश मंत्रालय यात्रा के संबंध में राज्यों और यात्रियों के बीच तालमेल के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी करेगा। सभी यात्रियों को शपथ पत्र देना होगा कि वे यह यात्रा अपने जोखिम पर कर रहे हैं। इन सभी यात्रियों को देश में आने पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुसार 14 दिन तक अपने खर्च पर अनिवार्य रूप से संघरोध केन्द्रों में रहना होगा। इनमें से सात दिन उन्हें सरकारी संघरोध केन्द्र में गुजारने होंगे।
देश में फंसे विदेशी नागरिकों को यात्रा से संबंधित सभी दस्तावेजों तथा जानकारी के साथ नागरिक उडय्यन मंत्रालय से संंपर्क करना होगा।