Joharlive Desk
मुंबई : टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली आज अधिकारिक तौर पर बीसीसीआई के 39वें अध्यक्ष चुन लिए गए। मुंबई में बोर्ड के हेडक्वार्टर में बुधवार सुबह सवा 11 बजे के आसपास दादा को बोर्ड की कमान सौंपी गई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की सालाना बैठक में इस दौरान जय शाह और सीओए प्रमुख विनोद राय समेत तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे।
सौरव गांगुली को इस पद के लिए निर्विरोध चुना गया था। गांगुली का कार्याकाल 10 महीने का होगा। करीब 30 महीने के लंबे अंतराल के बाद बीसीसीआई को अध्यक्ष मिलेगा, उनके अलावा बोर्ड के अन्य सदस्य भी अपनी-अपनी जिम्मेदारी संभाल लेंगे। इनमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह (गुजरात) सचिव, उत्तराखंड के महिम वर्मा उपाध्यक्ष, बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरुण धूमल (हिमाचल प्रदेश) कोषाध्यक्ष और जयेश जॉर्ज (केरल) संयुक्त सचिव होंगे।
सीओए के 33 माह का कार्यकाल भी खत्म हो जाएगा
सीओए प्रमुख विनोद राय ने कहा कि एजीएम के दौरान पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘पहले पिछले तीन साल के खातों को मंजूरी दी जाएगी। उसके बाद निर्वाचन अधिकारी चुनाव के नतीजे का ऐलान करेंगे क्योंकि सभी निर्विरोध चुने गए हैं। हम सौरव से बात करके शेड्यूल तय करेंगे।’
दस माह तक ही रहेंगे अध्यक्ष
गांगुली सिर्फ करीब दस महीने ही बोर्ड अध्यक्ष रहेंगे और अगले साल जुलाई में उनका कार्यकाल खत्म हो जाएगा। नए नियमों के मुताबिक कोई भी सदस्य लगातार छह साल तक ही क्रिकेट बोर्ड के किसी पद पर रह सकता है। गांगुली पांच साल दो महीने से बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष इसलिए बीसीसीआई में उनका कार्यकाल सिर्फ दस महीने का रहेगा।
400 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले पहले अध्यक्ष
गांगुली बीसीसीआई के ऐसे पहले अध्यक्ष होंगे जिनके पास 400 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच का अनुभव होगा। उन्होंने 424 मैच खेले। उनसे पहले 1954 से 1956 तक तीन टेस्ट खेलने वाले महाराजा ऑफ विजयनगरम (विजय आनंद गणपति राजू) ही पूर्णकालिक अध्यक्ष थे। हालांकि 233 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले सुनील गावस्कर और 34 मैच खेलने वाले शिवलाल यादव ने भी बोर्ड का नेतृत्व किया, लेकिन दोनों 2014 में कुछ समय के लिए अंतरिम अध्यक्ष ही थे।
सीओए को मिलेंगे करोड़ों रूपए
3.5-3.5 करोड़ रुपये सीओए प्रमुख राय और सदस्य डायना एडुल्जी को वेतन के रूप में दिए जाएंगे। इनमें से 2017 के लिए प्रति माह 10 लाख, 2018 के लिए 11 और 2019 के लिए प्रति माह 12 लाख रुपये दोनों को दिए जाएंगे