रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में फैसले को लेकर असमंजस्यता के बीच आज सोमवार को विधानसभा के विस्तारित मॉनसून सत्र की एकदिवसीय बैठक बुलायी गयी है. विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने बताया कि सदन के नेता की ओर से उन्हें यह सूचित किया गया है कि राज्य मंत्रिमंडल सदन में विश्वास मत हासिल करना चाहती है.
झारखंड के मुख्यमंत्री के विधायक के रूप में बने रहने को लेकर जारी भ्रम के बीच हेमंत सोरेन सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान विश्वास मत प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव रखेंगे. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. विधानसभा सचिवालय द्वारा विधायकों को भेजे गए पत्र के अनुसार, मुख्यमंत्री ने बहुमत साबित करने के लिए विश्वास मत प्रस्ताव लाने की इच्छा जाहिर की है.
संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. हमारे प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को राज्यपाल से मुलाकात की थी और उन्होंने हमें एक या दो दिन में स्थिति साफ करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. इसलिए हम विधानसभा में अपनी बात रखेंगे और बहुमत साबित करेंगे.
बीजेपी ने विश्वास मत पेश करने को लेकर उठाया सवाल
सोमवार को झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाई गई है. इस सत्र में विपक्ष की क्या भूमिका होगी, राज्य सरकार ने क्यों विशेष सत्र बुलाया है, इन सवालों के जवाब में भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री एवं चंदनकियारी विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा कि सरकार पहले यह बताएं कि उनसे किसने विश्वास मत साबित करने की मांग की है. पूर्ण विश्वास मत प्राप्त कर सत्ता में आने वाली हेमंत सोरेन की सरकार को आखिर ऐसी क्या आवश्यकता पड़ी कि उसे फिर से अपना विश्वास मत साबित करना पड़ रहा है.
अमर कुमार बाउरी ने कहा कि आज राज्य में अव्यवस्था फैली हुई है. दलितों की जमीन लूटी जा रही है, महिलाएं असुरक्षित है, जगह-जगह अपराधिक घटनाएं हो रही है, मुख्यमंत्री खुद भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए हैं, मुख्यमंत्री के खिलाफ कोर्ट और आयोग में कई मामले चल रहे हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री अपनी सरकार को बचाने के लिए ऐसे हथकंडे अपना रही है. बता दें, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सदन में अपनी रणनीति तैयार करने के लिए रविवार को विधायक दल की बैठक बुलाई थी.