रांची के कांके इलाके में रिंग रोड स्थित ITBP कैंप के समीप दिलीप साहू पर हुई फायरिंग की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। जांच में पता चला है कि दिलीप साहू ने खुद अपने ऊपर हमला करवाया था। वह इस मामले में अपने दुश्मनों को फंसाना चाहता था। इस काम में दिलीप ने अपने साथी इमरान की मदद ली। इस मामले में जांच के बाद दिलीप साहू पर हमला करने के आरोप में ऐनुल अंसारी व खुर्शीद आलम को गिरफ्तार कर लिया गया है। रांची SSP सुरेंद्र कुमार झा ने गुरुवार को मामले का खुलासा किया।

बताया कि गोली मारने का यह सौदा 50,000 रुपये में तय हुआ था। इसमें से 10 हजार रुपये इन्हें दिए गए थे। दोनों अपराधियों को दिलीप के कहने पर यह काम इमरान नाम के व्यक्ति ने सौंपा था। दिलीप पर बीते 8 फरवरी को हमला हुआ था। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस को दिलीप साहू के खिलाफ ही सबूत मिले। इसके बाद उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। इसमें पूरी कहानी सामने आ गई। इसके बाद इमरान को पूछताछ के लिए लाया गया। इमरान ने दोनों हमलावरों के नाम पुलिस को बता दिए।

कुछ ऐसी थी पूरी कहानी
इस मामले में दर्ज शिकायत के अनुसार दिलीप कुमार साहू अपने घर से रांची के मोरहाबादी मैदान जाने के लिए निकला था। जैसे ही है वह ITBP कैंप के पास पहुंचा। पहले से घात लगाकर बैठे दो अपराधी ने उसे रोक लिया। अपराधियों ने जमीन कारोबारी पर फायरिंग कर दी थी। अपराधियों के द्वारा चलाई गई एक गोली दिलीप के जांघ में लग गई थी। अपराधियों ने कारोबारी से मोबाइल लूट ले गए।

गोली मारने के बाद दोनों अपराधी मौके से फरार हो गए थे। वहीं गोली की आवाज सुनकर स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। आनन-फानन में घायल दिलीप को इलाज के लिए अस्पताल भेजा था। जांच में पता चला कि कहानी की पूरी पटकथा दिलीप ने खुद लिखी। उसको अंजाम तक पहुंचाने में दो अपराधियों की मदद ली गई। पुलिस ने मोबाइल भी जब्त कर लिया है। पता चला है कि दिलीप ने इमरान को मोबाइल सौंपा था। इसे रिसेट कर 6,000 में बेचने के लिए कहा गया था।

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