नई दिल्ली: हरियाणा से दिल्ली को पानी सप्लाई करने वाली बवाना मुनक नहर में देर रात 1 बजे बड़ा हादसा हो गया. जेजे कॉलोनी की तरफ से नहर की दीवार टूट गई, जिससे नहर का पानी आसपास की कॉलोनियों में भर गया. पानी इतना बढ़ गया कि घरों में घुस गया और लोगों को डर सताने लगा कि कहीं उनका सामान खराब न हो जाए. नहर के आसपास रहने वाले लोगों को रातभर पानी के बीच रहना पड़ा. सुबह एनडीआरएफ की टीम पहुंची और फंसे हुए लोगों को नाव से सुरक्षित जगह पर पहुंचा रही है. स्थानीय लोगों ने बताया कि 10 से 15 दिन पहले नहर के पास से पानी लीक हो रहा था. पिछले कई दिनों से हरियाणा की तरफ से मुनक नहर में ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा था, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. बताया जा रहा है कि लोगों को निकालने के साथ ही नहर के टूटे हिस्से की मरम्मत का काम भी शुरू कर दिया गया है. पानी भरने की वजह से यहां की बिजली काट दी गई है. सुबह से ही बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बिना कुछ खाए-पिए इधर-उधर भटक रहे हैं.
कई इलाकों में भरा पानी
स्थानीय लोगों की माने तो नहर जे, के, एल और एम ब्लॉक की तरफ से टूट गई है. शुरुआत में चार ब्लॉक में पानी भर रहा था. तीन फीट तक पानी आ गया था. उन्होंने बताया कि पानी भरने से कॉलोनी का मुख्य रास्ता भी बंद हो गया है. रात करीब 12 बजे घरों में पानी आना शुरू हुआ और धीरे-धीरे जलस्तर बढ़ता गया. सुबह करीब तीन बजे एनडीआरएफ की टीम पहुंची. तब से लोगों के घरों से पानी निकालने का काम जारी है. पानी भरने की वजह से कोई भी अपने दफ्तर नहीं जा सका. उन्होंने बताया कि 26 जून से नहर के कंक्रीट से पानी निकल रहा था. वहीं सांसद योगेंद्र चंदोलिया लोगों की समस्याओं का जायजा लेने के लिए सुबह-सुबह यहां पहुंचे. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की लापरवाही की वजह से बवाना की जेजे कॉलोनी के जे, के, एल और एम ब्लॉक में पानी भर गया है. कई साल पहले डीडीए ने यह कॉलोनी दिल्ली सरकार को दी थी. बताया गया कि डीडीए ने सीवर और पानी की लाइन बिछाने के लिए दिल्ली जल बोर्ड को 18 करोड़ रुपए दिए थे. अगर जल बोर्ड आज काम करता, सीवर लाइन बिछाई होती तो यह नौबत नहीं आती.
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने किया निरीक्षण
दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग के पास ड्रेन नंबर 12 पर बने बैराज का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा, “…पिछली बार यमुना का जलस्तर इतना बढ़ गया था कि वह तटबंध तोड़कर बैराज से टकरा गया था, जिससे बैराज टूट गया था…इसके लिए पूरे साल भर से तैयारियां चल रही हैं, यह बैराज नया बना है, 32-32 एचपी के तीन पंप लगाए गए हैं, नई मशीनरी लगाई गई है…लगभग 5 मीटर चौड़ा पत्थरों का तटबंध बनाया गया है, तैयारियां अच्छी हैं. किसी भी स्थिति में यदि यमुना का जलस्तर बढ़ता भी है, तो यह तटबंध नहीं टूटेगा…हमें पूरी उम्मीद है कि इस बार यमुना का पानी शहर में नहीं घुसेगा.