रांची : अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से मिला. उसने प्रारंभिक शिक्षकों की प्रोन्नति और सरप्लस टीचर ट्रांसफर की विसंगतियों पर बातचीत की. संघ के मुख्य वक्ता नसीम अहमद ने बताया कि मुख्य सचिव को प्रोन्नति के हालिया आदेश से उत्पन्न स्थिति को अवगत कराया गया. उनसे वर्ष 2021 के विभागीय आदेश, सर्वोच्च और उच्च न्यायालय के न्यायादेश के आलोक में सभी पदों की प्रोन्नति को निष्पादित करने और शिक्षा अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप ही सरप्लस शिक्षकों का आकलन कर स्थानांतरण करने की मांग की गई. वार्ता के क्रम में विभिन्न न्यायदेशों और पूर्व के निर्गत विभागीय आदेशों के प्रतिकूल प्रोन्नति की कार्रवाई संचालित करने के कार्य और इसके कुप्रभाव की ओर मुख्य सचिव का ध्यानाकृष्ट कराया गया. संघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि शिक्षकों की प्रोन्नति को न्यायानुकूल रीति से निष्पादित कराने की कार्रवाई की जाए.
क्या है संघ का कहना
संघ ने कहा कि विद्यालयों को शिक्षक विहीन कर, मध्य विद्यालयों को विषयवार शिक्षक विहीन कर, कक्षा 1 से 8 के लिए नियुक्त शिक्षकों को गलत तरीके से 1 से 5 की श्रेणी में रखकर सरप्लस शिक्षकों की सूची बनाकर स्थानांतरण की जा रही है. इस कार्रवाई को तत्काल स्थगित कर पूरी प्रक्रिया की समीक्षा किए जाने की बात भी मुख्य सचिव के समक्ष रखी गई. संघ ने बताया कि राज्य के लगभग 35 हजार वरीय शिक्षकों की वरीयता के अनुरूप ही अभी हाल ही में याचिका (संख्या – 4115) में उच्च न्यायालय द्वारा शिक्षकों की पद रिक्ति की तिथि से शिक्षकों को वैचारिक प्रोन्नति देने के पूर्व के विभागीय आदेश को सही ठहराया है. इसलिए इस न्यायादेश और 2021 के विभागीय आदेश की सीमा में शिक्षकों को अगले पदों पर प्रोन्नति दी जाये. प्रतिनिधिमंडल द्वारा रखी गई मांगों पर मुख्य सचिव ने नियम एवं न्यायादेशों के आलोक में विषय की समीक्षा करने का आश्वासन दिया. प्रतिनिधिमंडल में अनूप केसरी, राम मूर्ति ठाकुर, नसीम अहमद, दीपक कुमार दत्ता, संतोष कुमार, सलीम सहाय तिग्गा, माणिक प्रसादसिंह और डीके साहू शामिल थे.
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