जमशेदपुर: घाटशिला के युवा श्याम मुर्मू उन युवाओं में हैं, जो लीक से हटकर काम करने की सोचते हैं. श्याम वर्ष 2013 में श्याम ने एक वेबसाइट बनाया था जो संताली सीखने वालों के लिए काफी उपयोगी था. इसके जरिये इन्होंने ई-स्कूलिंग के माध्यम से संताली भाषा सिखाया. इसके इतर श्याम ने संताली भाषा की लिपि ओल चिकी का डिजीटल फोंट तैयार कर लिया है. इस काम को करने में उन्हें लगभग तीन साल लगे.
अब जल्दी ही वे इसे औपचारिक रूप से जारी करेंगे.
बता दें कि श्याम मुर्मू ने कंप्यूटर का कोई औपचारिक कोर्स नहीं किया है. पर कंप्यूटर में रूचि और लगन होने की वजह से आज वे इस मुकाम पर हैं जहां वे वेबसाइट डिजाइन से लेकर अन्य तकनीकी कार्यों में भी रूचि रखते हैं.
1925 में पंडित रघुनाथ मुर्मू ने ओल चिकी लिपि का आविष्कार किया था
गौरतलब है कि अभी भी गिनीचुनी जनजातीय भाषा है जिसकी अपनी जुदा लिपि भी है. और ऐसी जनजातीय भाषा तो उंगली पर है जिसका डिजीटल फोंट बनाया गया है. संताली इस मामले में भाग्यशाली है कि उसके पास लिपि भी है और जिसपर तकनीकी काम भी हुआ है. जब 1925 में पंडित रघुनाथ मुर्मू ने ओल चिकी लिपि का आविष्कार किया था तो वह एक तारीख (इतिहास ) थी. और श्याम ने जो काम कर दिखाया है वह भी एक बड़ी उपलब्धि है. निसंदेह इससे संताली भाषा और लिपि के प्रचार प्रसार में सहायता मिलेगी.
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