मुंबई: मंगलवार को चुनाव आयोग ने एनसीपी चीफ शरद पवार को झटका देते हुए उनके भतीजे और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के गुट को असली एनसीपी करार दिया है. साथ ही चुनाव आयोग ने कहा कि अजित पवार गुट को पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न इस्तेमाल करने का अधिकार है. वहीं चुनाव आयोग ने शरद पवार को अपनी पार्टी का नाम तय करने के लिए बुधवार 3 बजे तक का वक्त दिया है. लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग के इस फैसले से शरद पवार को कड़ा झटका लगा है. बता दें कि करीब 6 महीने से चल रहे इस विवाद का निपटारा करते हुए चुनाव आयोग ने अजित पवार के पक्ष में यह फैसला सुनाया है.
आयोग ने अपने फैसले में निर्धारित परीक्षणों का पालन किया जिसमें पार्टी का संविधान और बहुमत का परीक्षण शामिल रहा. चुनाव आयोग ने बताया कि शरद पवार गुट समय रहते बहुमत साबित नहीं कर पाई. अजित पवार गुट के लिए वकील मुकुल रोहतगी, नीरज कौल, अभिकल्प प्रताप सिंह ने दलील रखी थी. बता दें कि पिछले साल अजित पवार ने महाविकास आघाडी से बगावत कर दिया था और वह एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो गए थे. ऐसे में एनसीपी दो हिस्सों में बंट गई थी. एनसीपी से अलग होने के बाद अजित पवार ने पार्टी पर अपना दावा ठोंक दिया था. इसके बाद ये मामला चुनाव आयोग तक पहुंचा. दोनों खेमों में चुनाव आयोग के समक्ष अपनी-अपनी दलीलें पेश की थीं. अब चुनाव आयोग ने अजीत गुट को असली एनसीपी मानने का फैसला कर दिया.
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