Joharlive Team

रांची। झारखंड में अप्रैल में खाली हो रही राज्यसभा की दो सीटों में से एक के लिए बुधवार को शिबू सोरेन ने नामांकन कर दिया। शिबू सोरेन ने एक सेट में अपना नामांकन पत्र विधानसभा सचिव महेंद्र प्रसाद को सौंपा। जेएमएम के 10 विधायक शिबू सोरेन के प्रस्तावक बने हैं। शिबू सोरेन के नामांकन के दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कांग्रेस और जेएमएम के मंत्री और विधायक मौजूद रहे। शिबू सोरेन को गठबंधन की ओर से एक सीट के लिए उम्मीदवार बनाया गया है।

नामांकन के दौरान मौजूद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मध्यप्रदेश के सियासी संकट पर कहा कि मध्यप्रदेश में भाजपा का दोहरा चरित्र सामने आ गया है। लेकिन झारखंड में ऐसा संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन की जीत तय है। दूसरी सीट पर हमारी नजर है। उन्होंने कहा कि भाजपा के हर कदम पर नजर है। जल्द ही गठबंधन की ओर से दूसरे उम्मीदवार की भी घोषणा कर दी जाएगी। उन्होंने भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी के सवाल पर कहा कि भाजपा चुनाव लड़ेगी भी या नहीं, ये भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है।

उधर, शिबू सोरेन के नामांकन से पहले बुधवार को विधानसभा पहुंचे झारखंड के वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि दोनों सीट पर गठबंधन के प्रत्याशी विजयी होंगे। कांग्रेस जल्द ही अपने प्रत्याशी का एलान करेगा। बता दें कि इससे पहले शिबू सोरेन 1998 और 2002 में राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। बता दें कि चुनाव प्रक्रिया छह मार्च से शुरू गई है। 26 मार्च को बैलेट पेपर के जरिए मतदान होगा। इसी दिन शाम को 5 बजे नतीजों का ऐलान कर दिया जाएगा।

छह साल का होता है राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल
राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल 6 साल का होता है। इन सदस्यों का चुनाव लोकसभा सदस्यों की तरह प्रत्यक्ष रूप से वोटरों द्वारा नहीं होता। राज्यसभा सदस्यों का निर्वाचन राज्यों की विधानसभाओं और विधानमंडलों के निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाता है। जिस राजनीतिक दल के पास जितने अधिक विधायक होंगे, वह उतने ही अधिक सांसदों को राज्यसभा में भेज सकता है।

शिबू सोरेन का राजनीतिक सफर

1970: राजनीति में आदिवासियों के नेता के तौर पर कदम रखा।
1975: गैर-आदिवासी लोगों को झारखंड से निकालने का आंदोलन छेड़ा।
1980: पहली बार लोकसभा सांसद चुने गए। 1989, 1991, 1996, 2002, 2004, 2009 और 2014 में भी सांसद बने
1985: जामा विधानसभा सीट से एक बार विधायक चुने गए।
2002: राज्यसभा के सदस्य चुने गए, इसी साल इस्तीफा देकर दुमका से लोकसभा का उपचुनाव जीता।
2005: पहली बार 10 दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने।
2006: केंद्र सरकार में कोयला मंत्री बने।
2008: दूसरी बार शिबू सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
2009: तमाड़ सीट से विधानसभा उपचुनाव लड़ा में राजा पीटर ने 9000 से अधिक वोट से हराया।
2009: तीसरी बार 5 महीने के लिए सीएम बने।

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