ढाका : शेख हसीना ने जब ढाका छोड़ा तब बहुत कम ही समान वो अपने साथ लेकर आ सकी। सायद इतनी भीड़ और अफरातफरी में उन्हे सोचने का भी वक्त नहीं मिल पाया की क्या ले जाया जाए और क्या छोड़ा जाए। जाहीर सी बात है उस वक्त उनके लिए भी जान बचाकर निकालना किसी चुनौती से काम नहीं रहा होगा. सूत्रों के मुताबिक, शेख हसीना को बांग्लादेश की सेना ने देश छोड़ने के लिए केवल 45 मिनट का वक्त दिया था. वह अपनी बहन शेख रेहाना और अपने करीबी सहयोगियों के साथ एक मिलिट्री ट्रांसपोर्ट जेट में बैठकर भारत के लिए रवाना हुईं और दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस पर उतरी.
सूत्रों ने बताया कि बांग्लादेशी दल के साथ तैनात प्रोटोकॉल कार्यालय के सदस्यों ने उन्हें कपड़े और जरूरी वस्तुएं खरीदने में मदद की. भारत आने के 48 घंटे बाद भी शेख हसीना और उनकी टीम को एयरबेस के पास एक सुरक्षित घर में रखा गया.
और किस किस ने छोड़ा बांग्लादेश
बांग्लादेश में हुए इस हिंसक अफरातफरी में शेख हसीना के अलावा और की अवामी लीग पार्टी के कई शीर्ष नेताओं और पूर्व कैबिनेट मंत्री ने भी देश छोड़। अवामी लीग के महासचिव और सड़क परिवहन मंत्री अब्दुल क्वादर रविवार रात को ही देश छोड़कर रफूचक्कर हो गए थे. इसके साथ ही हसीना के इस्तीफे से पहले ही उनकी सरकार में मंत्री रहे अनिसुल हक देश छोड़कर किसी अज्ञात स्थान पर चले गए थे. शेख हसीना की सरकार में दूरसंचार मंत्री की भूमिका निभा सके जुनैद अहमद को भी डिटेन किया गया है. उन्हें देश से बाहर नहीं जाने दिया. उन्हें डिटेन कर ऐरफोर्स को सौप दिया। इनके अलावा शेख हसीना के निवेश सलाहकार और सांसद सलमान एफ. रहमान भी रविवार रात को देश छोड़कर फरार हो गए थे. ढाका साउथ सिटी कॉरपोरेशन के मेयर और हसीना के भतीजे शेख फज्ल नूर तपोश के बारे में भी कहा जा रहा है कि वह शनिवार सुबह ही सिंगापुर जाने वाली फ्लाइट से रवाना हो गए थे. इसके साथ ही हसीना सरकार में विवादित सांसद रहे शमीम ओस्मान भी पिछले हफ्ते ही देश छोड़कर फरार हो गए थे.