झारखंड: हजारीबाग के निवासी और सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी शांतनु सेन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षित रूप से रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर लौट आए हैं। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। शांतनु ने बताया कि वह हमले वाली जगह से कुछ समय पहले ही निकले थे और खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि वह सुरक्षित बच गए।
हमले के बाद स्थानीय कश्मीरियों की भावनाएं
शांतनु ने कहा कि स्थानीय कश्मीरी इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और उनके बीच भारी आक्रोश है। कश्मीरी लोगों का कहना है कि इस तरह के कायराना कृत्य उनकी रोजी-रोटी और शांति को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके बावजूद, शांतनु ने कश्मीरी लोगों की तारीफ करते हुए कहा कि वे बहुत सहयोगी और मिलनसार हैं।
सरकार से कार्रवाई की मांग
शांतनु ने इस आतंकी हमले को “बेहद घृणित” करार देते हुए केंद्र सरकार से आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और सरकार को आतंकवाद के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
पहलगाम हमले की जिम्मेदारी
पहलगाम हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है, जो पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन है। इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को और कम करने, सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी सीमा चौकी को बंद करने जैसे कड़े कदम उठाए हैं।
यह हमला न केवल पर्यटन को प्रभावित करेगा, बल्कि क्षेत्र की शांति और स्थिरता पर भी गहरा आघात पहुंचाएगा। शांतनु की बातें कश्मीर में व्याप्त तनाव और स्थानीय लोगों की भावनाओं को दर्शाती हैं।
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