नई दिल्ली : शब-ए-बरात के मुबारक मौके पर नायब शाही इमाम सैयद उसामा शाबान बुखारी को जामा मस्जिद का 14वां शाही इमाम बनाए जाने का ऐलान किया गया. इसके लिए 13वें शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने बेटे शाबान को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया. रविवार की रात जामा मस्जिद में आयोजित कार्यक्रम में शाबान बुखारी की पगड़ी बांधकर दस्तारबंदी की गई.
देश-विदेश से आए मेहमानों की मौजूदगी में शाही इमाम बुखारी ने बेटे को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया. इस समारोह में दिल्ली सहिम अन्य राज्यों के इमाम, उलेमा, मौलवी आदि खासतौर पर उपस्थित रहे. दस्तारबंदी के खास मौके पर जामा मस्जिद सजाया गया. मस्जिद के आसपास के क्षेत्र में शाही इमाम और उनके बेटे की तस्वीरों वाले पोस्टर भी लगाए गए हैं. जिन पर 14वें शाही इमाम बनाए जाने पर शाबान बुखारी को बधाई दी गई है. सैयद शाबान बुखारी को 29 नवम्बर, 2014 में दस्तारबंदी समारोह करके जामा मस्जिद का नायब इमाम बनाया गया था. अब जब शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने उनको अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है तो वह 14वें शाही इमाम की जिम्मेदारी संभालेंगे. शाबान बुखारी दिल्ली में ही पले-बढ़े हैं.
परवरिश और शिक्षा
उन्होंने एमिटी यूनिवर्सिटी से सोशल वर्क में एमए किया है. वह चार भाई-बहन हैं. वह इस्लामी धर्मशास्त्र में आलिम और फाजिल हैं. उनकी तालीम दिल्ली में ही मदरसा जामिया अरबिया शम्सुल उलूम से हुई है. शाबान की पत्नी साजिया हैं और वह 2 बेटों के पिता हैं. जामा मस्जिद के शाही इमाम की मुस्लिम समाज में अपनी खास जगह है. उनकी बातों को तवज्जो दी जाती है. समय-समय पर शाही इमाम द्वारा जारी किए गए फतवों को मुस्लिम समाज के लोग मानते हैं. शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी राजनीतिक रूप से भी सक्रिय रहे हैं. समय-समय पर वह चुनावों के दौरान अपनी राय को बयान करते रहे हैं. जिसके आधार पर मुस्लिम समाज वोट भी करता रहा है.