जमशेदपुर : मानकी मुंडा अधिकार मंच की ओर से आयोजित चार दिवसीय पदयात्रा आज 18 अक्टूबर को जमशेदपुर पहुंची. यहां बिरसा मुंडा चौक पर बिरसा मुंडा की मूर्ति के समक्ष झारखंड जनतांत्रिक महासभा ने सभी पदयात्रियों का माला पहनाकर गर्मजोशी से स्वागत किया.
पदयात्रा का गर्मजोशी से स्वागत
अधिकार पदयात्रा के रोशन तिर्की ने कहा कि 7 सूत्री मांगों को लेकर 120 किमी पैदल चलकर आज चौथे दिन हमलोग उपायुक्त कार्यालय जमशेदपुर पहुंचे हैं, पदयात्रा में लगभग 1000 लोग शामिल हैं. महिलाओं की भागीदारी अच्छी खासी है. सहयोगी संगठनों में आदिवासी मुंडा समाज, आदिवासी हो समाज महासभा, झारखंडी भाषा-भाषी, मूलनिवासी संघ, आदिवासी भूमिज समाज कल्याण समिति, आदिवासी भूमिज मुंडा महाल शामिल हैं. बता दें कि मानकी मुंडा अधिकार मंच द्वारा आयोजित मानकी मुंडा अधिकार पदयात्रा 15 अक्टूबर को बहरागोड़ा से प्रारम्भ हुई थी.
क्या-क्या हैं मांगें
- हो, मुंडारी, कुड़ख, संथाली, भाषा को झारखंड का प्रथम राज्य भाषा का दर्जा दिया जाए.
- भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में हो, मुंडारी, भूमिज, कुड़ुख, भाषा को शामिल किया जाए.
- कोल्हन विश्वविद्यालय व कॉलेजों में जनजातीय विषयों हो, मुंडारी, भूमिज, कुड़ुख, संथाली के शिक्षकों के बैकलॉग पदों को तुरंत भरा जाए
- हो, मुंडारी, भूमिज, कुड़ुख, संथाली भाषा अकादमी स्थापित की जाए.
- केंद्र सरकार वन संरक्षण अधिनियम 2023 को रद्द करे.
- राज्य सरकार पेसा कानून अधिनियम 1996 एवं आदिवासी सलाहकार परिषद अधिविधि अविलंब बनाए.
- 7. पूर्वी सिंहभूम के मानकी, मुंडा, डाकुआ, घटवाल, सरदार, नायके, दिवरी, पहान, लाया आदि को सम्मान की राशि दी जाए.