नई दिल्ली: अदार पूनावाला की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को देश के दवा नियामक (DCGI) से रूसी COVID-19 वैक्सीन स्पूतनिक वी (Sputnik V) बनाने की अनुमति मिल गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूनावाला की कंपनी अपने पुणे स्थित प्लांट में वैक्सीन का परीक्षण, विश्लेषण और फिर इसका निर्माण करेगी।
दरअसल कंपनी ने कुछ दिनों पहले वैक्सीन के परीक्षण, विश्लेषण और निर्माण के लिए DCGI के पास आवेदन किया था, ख़बरों के अनुसार अदार पूनावाला की कंपनी को स्पूतनिक वी के लिए प्राथमिक मंजूरी मिल गई है ।
लेकिन असल मायने में इस वैक्सीन के निर्माण में अभी कुछ और महीने लगेंगे. इस दौरान हमारा फोकस कोविशील्ड और कोवोवैक्स पर ही होगा. कोरोना के टीके कोविशील्ड का निर्माण अदार पूनावाला की कंपनी ही कर रही है।
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SII को इस रूसी वैक्सीन के लिए टेस्ट लाइसेंस मिला है. इसका मतलब यह है कि वैक्सीन की जांच अथवा निर्माण के उद्देश्य से यह लाइसेंस दिया गया है. इस लाइसेंस के तहत वैक्सीन बेची नहीं जा सकती।
भारत में कोविशील्ड के अलावा भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और रूस की स्पूतनिक वी को भी आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल चुकी है. अभी तक स्पूतनिक वी का निर्माण डॉक्टर रेड्डीज लेबोरेटरीज द्वारा किया जा रहा है. यह वैक्सीन 65 से ज्यादा देशों में पंजीकृत है।
गौरतलब है कि स्पूतनिक वी की प्रभावकारिता 91.6 फीसदी है. यह प्रभावकारिता भारत में लगाई जा रही दोनों वैक्सीन (कोविशील्ड और कोवैक्सीन) से ज्यादा है. भारत में इस स्पूतनिक वी का इस्तेमाल 14 मई से शुरू हुआ था।
बीते मंगलवार को स्पूतनिक वी की 30 लाख खुराक की एक खेप हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंची. जीएमआर हैदराबाद एयर कार्गो (GHAC) की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज के मुताबिक, रूस से विशेष चार्टर विमान RU-9450 के जरिए मंगलवार को तड़के 3.43 मिनट पर स्पूतनिक वी वैक्सीन की 30 लाख खुराक यहां पहुंची।