रांची: देवघर के तत्कालीन एसपी सुभाष चंद्र जाट ने जिले के तत्कालीन उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री पर कई गंभीर आरोप लगाया है. यह भी बताया है कि गोड्डा से भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे से डीसी मंजूनाथ भजंत्री निजी दुश्मनी साधते थे और उन पर दबाव बनाते थे कि किसी भी तरह सांसद निशिकांत दुबे को किसी केस में फंसाएं और उन्हें गिरफ्तार कर लें.

एसपी हर बार ऐसा करने से मना कर देते थे. झारखंड कैडर के 2015 बैच के आइपीएस अधिकारी सुभाष चंद्र जाट वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीबीआइ में एसपी के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने बताया है कि उनके विरुद्ध किए गए डीसी का वार्षिक कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) दुर्भावना से प्रेरित है.

उन्हें नीचा दिखाने, उन्हें अक्षम दिखाने की कोशिश की गई है. तत्कालीन डीसी मंजूनाथ भजंत्री के किए गए वार्षिक कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट के प्रत्येक बिंदु पर तत्कालीन एसपी सुभाष चंद्र जाट ने बिंदुवार अपनी बात रखी है और उससे संबंधित पत्र गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार को भेजा है.

सांसद को वाहन मुहैया न कराने का लगाया आराेप

एसपी ने अपने पत्र में बताया है कि सांसद निशिकांत दुबे जब भी देवघर दौरे पर आते थे तो उन्हें जिला पुलिस की ओर से उन्हें सुरक्षा दी जाती थी, लेकिन उपायुक्त वाहन मुहैया नहीं कराते थे. 31 अगस्त 2023 को सांसद निशिकांत दुबे एसिड अटैक पीड़िता से मिलने के लिए दुमका जाना चाहते थे तो उन्हें गलत तरीके से देवघर एयरपोर्ट पर जबरन रोकने के लिए डीसी ने दबाव बनाया था. लोकसभा की विशेषाधिकार समिति में की गई शिकायत की जांच में डीसी की ओर उनपर गलत बयान दर्ज कराने का भी दबाव बनाया गया था.

विधायक रणधीर सिंह को भी गिरफ्तार करने का बनाया दबाव

देवघर के तत्कालीन एसपी सुभाष चंद्र जाट ने गृह सचिव को बताया है कि चित्रा थाने में सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने से संबंधित कांड संख्या 34/2022 में भी तत्कालीन उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने सारठ के विधायक रणधीर सिंह को बिना अनुसंधान व साक्ष्य के ही तत्काल गिरफ्तार करने का दबाव बनाया. जब इन्होंने विरोध किया और कानून का हवाला दिया तो उपायुक्त लोक अभियोजक से एसपी के कदम का सत्यापन करने को कहा.

विष्णुकांत झा को दिल्ली पुलिस से बचाने का भी बनाया दबाव

देवघर निवासी विष्णुकांत झा के विरुद्ध नई दिल्ली थाने में दर्ज केस 32/2018 में दिल्ली ले जाने से रोकने के लिए डीसी ने एसपी पर दबाव बनाया, ताकि दिल्ली पुलिस उसे अपने साथ न ले जा सके. एसपी ने इसे गैर कानूनी बताते हुए दिल्ली पुलिस के अनुसंधान में हस्तक्षेप से मना कर दिया.

उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री विष्णुकांत झा को इसलिए मदद पहुंचाना चाहते थे, क्योंकि वह सांसद निशिकांत दुबे का विरोधी था. विष्णुकांत झा का आपराधिक इतिहास होने के बावजूद उपायुक्त ने उसे आर्म्स लाइसेंस दे दिया.

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