रांची : दक्षिण पूर्व रेलवे ने अपने मुख्यालय गार्डन रीच में विश्व विरासत दिवस मनाया. इस दौरान बताया गया कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और प्राचीन विरासत के संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस के रूप में मनाया जाता है. विश्व विरासत दिवस 2024 का विषय “आपदाएं और संघर्ष-वेनिस चार्टर के लेंस के माध्यम से” है. इस अवसर पर दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक अनिल कुमार मिश्रा मुख्य अतिथि थे. सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने रेलवे विरासत को संरक्षित करने के महत्व को समझाया और आने वाली पीढ़ियों के लिए विरासत को बनाए रखने के लिए जागरूकता पैदा करने पर जोर दिया. उन्होंने एसईआर द्वारा अपने गौरवशाली अतीत को संरक्षित करने के लिए अपनाए गए सतत प्रयासों का उल्लेख किया.
रेलवे सबसे बड़ी विरासत का मालिक
इस अवसर पर अतिथि वक्ता अंजन मित्रा, एक प्रख्यात वास्तुकार और विरासत प्रेमी थे. उनकी चर्चा का विषय था, भारतीय रेलवे: विरासत संपत्तियां, चिंताएं, अवसर. उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे सबसे बड़ी विरासत का मालिक है और रेलवे की मूर्त और अमूर्त विरासत के बारे में चर्चा की. उन्होंने “विविधता की खोज और अनुभव करें” विषय के महत्व पर भी प्रकाश डाला. कार्यक्रम के दौरान, मुख्यालय, सभी चार डिवीजनों (आद्रा, चक्रधरपुर, रांची और खड़गपुर) और खड़गपुर कार्यशाला द्वारा “आपदाएं और संघर्ष – वेनिस चार्टर के लेंस के माध्यम से” विषय पर तैयार की गई प्रस्तुतियां दर्शकों को दिखाई गईं.
ये रहे मौजूद
ए.के. दुबे, अतिरिक्त महाप्रबंधक एवं अध्यक्ष, जोनल हेरिटेज कमेटी, दक्षिण पूर्व रेलवे ने मेहमानों का स्वागत किया और विरासत के विशाल मूल्य और इसकी सुरक्षा के उपायों के बारे में चर्चा की. पंकज कुमार गुप्ता, डीजीएम (जी) और सचिव हेरिटेज कमेटी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया. कार्यक्रम के दौरान प्रमुख विभागाध्यक्ष, वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे.
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