नई दिल्ली : कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि वह आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा उनके लिए मौत की सजा की मांग करने वाली अपील में व्यक्तिगत रूप से बहस करेंगे और अपना बचाव करेंगे.
मलिक को मई 2022 में निचली अदालत ने मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उन्होंने मामले में दोषी होने की दलील दी थी और अपने खिलाफ आरोपों का विरोध नहीं किया था.
मलिक के लिए सजा-ए-मौत की मांग वाली NIA की याचिका पर वर्चुअल सुनवाई के दौरान मलिक ने कहा कि मैं खुद का बहस करूंगा। मुझे कानूनी सलाह की जरूरत नहीं है। इस पर जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस गिरीश कटपालिया की बेंच ने मलिक को अपने फैसले पर एक बार फिर विचार करने को कहा और सुनवाई 19 सितंबर तक के लिए टाल दी गई.
NIA ने मई 2023 में यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था.