Joharlive Desk

मुंबई : वैश्विक स्तर पर जारी उठापटक के साथ ही घरेलू स्तर पर खुदरा महंगाई में रही तेजी और थोक महंगाई में नरमी आने के बीच कंपनियों के मिश्रित तिमाही परिणामों के कारण बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजार में कोई विशेष उत्साह नहीं दिखा और अगले सप्ताह भी निवेशकों विशेषकर छोटे खुदरा निवेशकों से सतर्कता के साथ निवेश करने की सलाह दी गयी है।
समीक्षाधीन अवधि में बीएसई का सेंसेक्स 33.08 अंक अर्थात 0.08 प्रतिशत बढ़कर 40356.69 अंक पर रहा जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 12.85 अंक अर्थात 0.11 प्रतिशत टूटकर 11895. 30 अंक पर रहा। इस दौरान मझौली कंपनियों में जहां लिवाली देखी गयी वहीं छोटी कंपनियों में बिकवाली हावी रही। बीएसई का मिडकैप 41.88 अंक बढ़कर 14772.99 अंक पर रहा जबकि स्मॉलकैप 148.35 अंक टूटकर 13326.40 अंक पर आ गया।
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि वर्तमान में जो वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिदृश्य से उसके मद्देनजर छोटे खुदरा निवेशकों को बाजार में निवेश करने से पहले सतर्कता बरतने की जरूरत है। बाजार अध्ययन करने वाली कंपनी ट्रेडिंगबेल्स के वरिष्ठ विश्लेषक संतोष मीना के अनुसार कंपनियों के तिमाही परिणाम लगभग आ चुके हैं और घरेलू स्तर पर अधिकांश आर्थिक आंकड़े भी आ चुके हैं। अभी वैश्विक स्तर पर अमेरिकी और चीन के बीच व्यापार युद्ध ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजारों को प्रभावित कर रहा है और इसका असर भारतीय बाजार में भी होता है। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह ऑटो स्क्रैपेज नीति को अंतिम रूप दिये जाने की संभावना है जिससे ऑटो समूह की कंपनियों में तेजी देखी जा सकती है।
ऐपिक रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुस्तफा नदीम ने कहा कि चालू महीने में अब तक विदेशी निवेशक लिवाल रहे हैं जबकि घरेलू निवेशक बिकवाल रहे हैं। विदेशी संस्थागत निवेशक चालू महीने में गत शुक्रवार तक 4500 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 5600 करोड़ रुपये की निकासी की है जिससे बाजार की तेजी पर लगाम लगा है।
उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर अगले सप्ताह बैंक ऋण उठाव के आंकड़े जारी होने हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी का रूख बना हुआ है। चीन में ब्याज दर पर निर्णय होना जबकि अमेरिका में नियमित तौर आने वाले आंकड़े जारी होने वाले हैं। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध को कम करने की जारी कोशिश का असर भी बाजार पर दिख सकता है। इसके मद्देनजर छोटे खुदरा निवेशकों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

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