Joharlive Team

सरायकेला। जिले में ‘यास’ तूफान का असर दिखना शुरू हो गया है। बीती रात से ही जारी रिमझिम बारिश आज सुबह होने के साथ ही तेज हो गई। इसके साथ ही हवाओं की गति भी तेज हो गई है। उधर ओडिशा के बैंकवेल बांध से पानी छोड़े जाने के कारण खरकई नदी में उफान आ गया है और नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

हालांकि अभी भी नदी खतरे के निशान से नीचे बह रही है। ‘यास’ चक्रवाती तूफान का केंद्र सरायकेला में होने के कारण जिले में इसका विशेष प्रभाव दिख रहा है। पूरी स्थिति में प्रशासन ने भी राहत और बचाव को लेकर सारे इंतजाम कर लिए हैं। इसके साथ ही लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। जिले के सभी प्रखंड और थाना स्तर पर गरीब लोगों के रहने और खाने पीने की व्यवस्था के लिए कई स्कूलों को आश्रय केंद्र के रूप में बनाया गया है। जहां प्रशासन की ओर से सारी व्यवस्था की गई है और लोगों से संकट की स्थिति होने पर यहां आश्रय लेने की अपील की जा रही है।

प्रशासन की ओर से चक्रवाती तूफान से जुड़ी वर्तमान और आगामी स्थितियों के बारे में लोगों को जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है। हर आपात स्थिति से निपटने के लिए जिले में दो स्थानों सरायकेला और गम्हरिया में एनडीआरएफ की टीम की तैनाती की गई है। इसके साथ ही पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीमें विभिन्न क्षेत्रों में चौकसी कर रहीं हैं।

एसपी मोहम्मद अर्शी ने लोगों से कहा कि इस साइक्लोन में काफी तेज गति से हवा चलेंगी और बारिश भी खूब होगी। ऐसे में आपात स्थिति को छोड़कर लोग घरों से बाहर नहीं निकले। इसके साथ ही उन्होंने यह कहा कि 2 दिनों तक इस विशेष प्रभाव वाले चक्रवाती तूफान में साइक्लोन की गति कम होने पर लोग इसे हल्के में ना लें, क्योंकि कभी भी यह साइक्लोन फिर से प्रचंड रूप ले सकता है. ऐसे में लोग प्रशासन की ओर से चक्रवात से संबंधित विधिवत जानकारी पर ही अमल करें। वहीं, डीसी अरवा राजकमल ने लोगों से इस साइक्लोन में धैर्य बनाए रखने और पैनिक न होने की अपील की है. उन्होंने कहा कि आप घर पर सुरक्षित रहें। किसी भी आपात स्थिति के होने पर प्रशासन हर तरह की मदद के लिए तैयार है।

आपदा की स्थिति में सहायता के लिए जिला नियंत्रण कक्ष के निम्नलिखित फोन नंबर 7903376620, 06597234002, 18003456461 पर संपर्क कर सहायता ले सकते हैं। साइक्लोन के कारण आम जनजीवन पर खासा असर दिख रहा है। सड़क पर ना के बराबर लोग दिख रहे हैं। वहीं, दुकानें भी इक्का-दुक्का ही खुली हैं।

Share.
Exit mobile version