SEEMA KHANDELWAL : झारखंड का गुमला जिला, जो आदिवासी बहुल और पिछड़ा इलाका होने के साथ-साथ अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र भी है, अब विकास की दिशा में नई ऊँचाइयों को छू रहा है. इस जिले के लोग न केवल खेल के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहे हैं, बल्कि अन्य विभिन्न क्षेत्रों में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मना रहे हैं. खेल नगरी के रूप में पहचान बना चुका गुमला अब शिक्षा, कला, लेखन और संस्कृति के क्षेत्र में भी अग्रसर है.
इसी कड़ी में गुमला जिले की सिसई रोड निवासी सीमा खंडेलवाल ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. उन्हें उनकी हिंदी कविता “मिताली मधुमिता” के लिए राष्ट्रीय एकता सम्मान से नवाजा गया है. यह सम्मान उन्हें भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया गया, जिसमें देशभर के 88 रचनाकारों ने भाग लिया. इस प्रतियोगिता में राष्ट्रीय एकता को प्रदर्शित करने वाली कविता प्रस्तुत करने की चुनौती दी गई थी, जिसमें सीमा खंडेलवाल की कविता ने सबका दिल जीत लिया.
भारतीय वीरांगना की प्रेरक कविता है मिताली मधुमिता
सीमा की कविता “मिताली मधुमिता” भारतीय वीरांगना की प्रेरक कहानी पर आधारित है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी. कविता में भारतीय महिलाओं की वीरता और देशप्रेम का बखान किया गया है, जो हर भारतीय को प्रेरित करता है. सीमा की इस रचना को इस सम्मान से नवाजा गया है, जो उनके लेखन की सराहना का प्रतीक है.
पहले भी जीत चुकी हैं कई सम्मान
सीमा खंडेलवाल का यह सम्मान सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि पूरे गुमला जिले के लिए गर्व की बात है. उनके परिवार और मित्रों के अलावा पूरे जिले में खुशी की लहर है. इसके साथ ही सीमा खंडेलवाल के नाम कई अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कार भी दर्ज हैं, जिनमें वीमेन आइकॉन अवार्ड 2024, अमृत गौरव सम्मान, होली काव्य रत्न सम्मान, राष्ट्रीय लेखिका पुरस्कार और कई अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार शामिल हैं.
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