उत्तर प्रदेश: कॉन्स्टेबल भर्ती के लिए अगली परीक्षा अब 26 अगस्त 2024 को होगी. 23, 24 और 25 अगस्त को आयोजित परीक्षा में कुल 19,84,645 उम्मीदवार शामिल हुए थे. री–एग्जाम को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए पुलिस संदिग्ध व्यक्तियों और सॉल्वर गैंग पर कड़ी नजर रख रही है. तीन दिनों तक चली परीक्षा के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस ने कई एफआईआर दर्ज कीं और संदिग्धों को परीक्षा देने से भी रोका गया.
गिरफ्तारियों का विवरण
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRBB) के अध्यक्ष राजीव कृष्ण ने जानकारी दी कि पिछले तीन दिनों में पुलिस ने परीक्षा प्रक्रिया को सुचारू रखने के लिए एहतियाती कदम के रूप में 29 एफआईआर दर्ज की हैं और 40 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से 12 गिरफ्तारियां कानपुर, झांसी, बलरामपुर, जौनपुर, और अलीगढ़ से की गई हैं. इसके अलावा, दो परीक्षा केंद्रों पर स्क्रीनिंग प्रक्रिया के दौरान 318 संदिग्धों की पहचान की गई, जिन्हें परीक्षा देने की अनुमति दी गई. इन व्यक्तियों की आगे जांच की जाएगी.
उम्मीदवारों की संख्या
बोर्ड ने यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा को पांच दिनों—23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त—को आयोजित करने का निर्णय लिया है, जिसमें हर दिन दो पालियों में परीक्षा आयोजित की जाएगी. तीसरे दिन, छह लाख 78 हजार से अधिक उम्मीदवारों ने परीक्षा दी. पहली शिफ्ट में तीन लाख 37 हजार 647 और दूसरी शिफ्ट में तीन लाख 41 हजार 120 उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए.
नकल के मामले
परीक्षा के पहले दिन, भर्ती बोर्ड ने 61 संदिग्ध परीक्षार्थियों को पकड़ा, जिनके दस्तावेजों का मिलान करने के बाद ही उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई. बोर्ड ने कहा कि दस्तावेजों की उचित जांच के बाद ही लिखित परीक्षा का परिणाम जारी किया जाएगा. इसके अलावा, चार अभ्यर्थी महाराजगंज, रायबरेली, और कानपुर में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के माध्यम से नकल करते हुए पकड़े गए.
कानपुर में एक शख्स को गलत उम्र बताकर परीक्षा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, जबकि गोरखपुर से एक महिला सिपाही और उसके साथी को परीक्षा के पेपर बेचने के नाम पर ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
री–एग्जाम की आवश्यकता क्यों पड़ी
फरवरी 2024 में पेपर लीक के आरोपों के चलते कुल 60,244 पदों के लिए होने वाली परीक्षा रद्द कर दी गई थी. 17 और 18 फरवरी को आयोजित इस परीक्षा में राज्य के 75 जिलों में करीब 48 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे. परीक्षा के रद्द होने के बाद अभ्यर्थियों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें कोचिंग टीचर भी शामिल थे. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छह महीने के भीतर परीक्षा को दोबारा आयोजित करने का आदेश दिया.