देवघर : झारखंड मुक्ति मोर्चा के कद्दावर नेता और झारखंड विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता की सुरक्षा में लगे सरकारी अंगरक्षक को जिला प्रशासन ने वापस ले लिया है. शशांक शेखर सारठ विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट के दावेदार थे. पूर्व में वे दो बार सारठ से विधायक भी रह चुके हैं. लेकिन इस बार पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था और अब उनके सुरक्षा कर्मी भी वापस ले लिए गए हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सारठ विधानसभा सीट से उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह को उम्मीदवार बनाया है. इस पर शशांक शेखर भोक्ता ने अपने समर्थकों के साथ बैठक कर ऐलान किया था कि वे चुन्ना सिंह का समर्थन नहीं करेंगे, चाहे पार्टी उन्हें रखे या निकाल दे. शशांक भोक्ता के इस बयान के बाद ही उनके सुरक्षाकर्मी हटा लिए गए.
आहत शशांक भोक्ता ने फेसबुक पर बयां किया दर्द
सुरक्षा कर्मी हटाए जाने से आहत श्री भोक्ता ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट (फेसबुक) पर एक पोस्ट भी लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है-टिकट कटने के साथ-साथ सुरक्षा गार्ड को वापस कर लिया जाना किस बात का संकेत है. क्या सारठ की पूर्ववर्ती राजनीतिक दादागिरी वापस आ रही है. क्या सारठ की जनता को डराने का प्रयास है. एक पूर्व विधानसभा अध्यक्ष की सुरक्षा इसलिए वापस ले ली गई कि उसे डराया जा सके. यदि मैंने आपकी सेवा की है तो जनता इसका संज्ञान ले. मरना जीना तो भगवान के हाथों में है.
भाजपा ने की झामुमो नेता को बॉडीगार्ड देने की मांग
पूरे मामले पर सारठ के विधायक सह भाजपा प्रत्याशी रणधीर सिंह ने अपना वीडियो बयान जारी करते हुए कहा है कि शशांक बाबू का बॉडीगार्ड वापस लिए जाने की भाजपा निंदा करती है. वे उच्च पद पर रहे हैं, इसीलिए उनके सुरक्षाकर्मी वापस नहीं लिए जाने चाहिए. अगर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है तो सबसे पहले उन्हें चार सुरक्षाकर्मी दिए जाएंगे. शशांक शेखर भोक्ता दो बार सारठ से विधायक रहे हैं और हमेशा आदिवासी, गरीब और पिछड़ों के हक की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं. इसलिए उनकी जान को खतरा भी है. उनके कार्यकाल में सारठ विधानसभा क्षेत्र में तेजी से विकास भी हुआ था.