Joharlive Desk

कोच्ची : कोचीन शिपयार्ड (पोत-कारखाना) से देश का पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत विक्रांत का एक डिजिटल डिवाइस गायब हो गया है। जिसके बाद राष्ट्रीय एजेंसियों ने सुरक्षा में हुई इतनी बड़ी चूक की गहनता जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि यह घटना कोचिन शिपयार्ड के उच्च स्तरीय क्षेत्र में हुआ जहां वैसल का निर्माण हो रहा है। विक्रांत को 2021 में भारतीय नौसेना में शामिल किया जाना है।

केरल पुलिस के मुखिया लोकनाथ बहेड़ा ने कहा कि एक विशेष जांच टीम का निर्माण किया गया है जो मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच कर रही है। कोच्चि शहर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त केपी फिलिप ने कहा कि शिपयार्ड अधिकारियों की शिकायत के आधार पर सोमवार को एक मामला दर्ज किया गया है। हालांकि पुलिस ने डिवाइस को लेकर किसी भी तरह का विवरण देने से मना कर दिया है और इसके चोरी होने की पुष्टि की है।

प्रारंभिक जांच में पता चला कि डिवाइस 28 अगस्त तक वैसल के अंदर ही था। शिपयार्ड कंपनी के सचिव वी काला ने कहा कि विक्रांत में चोरी की जानकारी सोमवार को मिली और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। काला ने कहा, ‘हमारे पास आवश्यक सुरक्षा है क्योंकि सीआईएसएफ इसकी रखवाली कर रहा है। हमें नहीं पता कि आखिर कैसे यह चोरी हुई। हमें पुलिस की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।’

काला ने आगे कहा कि वह मामले के बारे में अधिक विवरण नहीं दे सकते हैं क्योंकि यह सुरक्षा का एक अत्यंत संवेदनशील मुद्दा है। इस घटना ने कोचीन शिपयार्ड की सुरक्षा में एक बड़ी चूक को उजागर किया है जहां भारत के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य को रिफिट और रखरखाव के लिए लाया गया है। विक्रांत कोचीन शिपयार्ड में निर्मित होने वाला सबसे प्रतिष्ठित विमान वाहक है।

400 टन का विक्रांत वाहक पोत अपने निर्माण के एडवांस स्टेज में है और इसे भारतीय नौसेना में शामिल करने के पहले कई परीक्षण प्रक्रियाओं और टेस्ट की श्रृंखला से होकर गुजरना होगा। इसके मूल डिजाइन को नौसेना डिजाइन निदेशालय ने बनाया था। जहाज की लंबाई 260 मीटर और चौड़ाई 60 मीटर है। इसके दो टेक ऑफ रनवे हैं और एक लैंडिंग स्ट्रिप (हवाई पट्टी) है।

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