चतरा: अफीम विनष्टीकरण अभियान पर बीते 7 जनवरी को निकले सुरक्षाबलों के साथ नक्सलियों की भीषण मुठभेड़ में दो जवानों की शहादत का बदला लेने को लेकर चतरा पुलिस ने कमर कस ली है. इलाके में सक्रिय नक्सलियों के आर्थिक स्रोत पर करारा प्रहार कर उन्हें नेस्तनाबूद करने के उद्देश्य से पुलिस के जांबाज टेक्नोलॉजी के सहारे नक्सलियों के मांद में घुस चुके हैं. जिस जगह पर पुलिस के दो जवानों की शहादत हुई थी, उसी स्थान से रविवार को एकबार फिर से जिला पुलिस ने अफीम उन्मूलन अभियान की शुरुआत की है. अभियान का नेतृत्व एसीडीपीओ संदीप सुमन कर रहे हैं. अभियान में सीआरपीएफ, आईआरबी व वन विभाग के साथ-साथ जिला बल के जवान शामिल हैं. अभियान में शामिल अधिकारी और जवान तीसरी आंख यानी ड्रोन के टेक्नोलॉजी के सहारे पहले इलाके की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. उसके बाद इनपुट के आधार पर विभिन्न टुकड़ियां बनाकर नक्सलियों के संरक्षण में लगाए गए अफीम माफियाओं और तस्करों द्वारा लगाए गए सफेद जहर की खेती (अफीम) को नष्ट कर रहे हैं.

अफीम उन्मूलन महाभियान की शुरुआत

अभियान की शुरुआत भुईयांडीह से हुई है. इसके बाद गम्हारतरी, नारायनतरी होते सुरक्षाबल हेठ बैरियो पहुंचे. जहां बीहड़ जंगल के बीच नदी के दोनों ओर करीब 12 एकड़ वन भूमि में लहलहा रहे अफीम के फसल को नष्ट किया गया. अभियान का नेतृत्व कर रहे एसडीपीओ संदीप सुमन ने बताया कि एसपी राकेश रंजन के निर्देश पर जिले में अलग-अलग स्थानों पर एक साथ अफीम उन्मूलन महाभियान की शुरुआत की गई है. उन्होंने बताया कि अफीम उन्मूलन अभियान की शुरुआत उसी जगह से की गई है, जहां हमारे दो जवानों ने शहादत दी थी. चतरा पुलिस अफीम उन्मूलन का अभियान निरंतर जारी रखेगी. उन्होंने यह भी कहा कि चतरा जिले में ना तो नक्सली बचेंगे और ना ही अफीम बचेगा.

दो जवान हुए थे शहीद 

बता दें कि कि विगत 7 फरवरी को अफीम नष्ट कर चतरा लौट रही पुलिस पार्टी पर गम्हारतरी के पास नक्सलियों ने हमला बोल दिया था. जिसमें पुलिस के दो जवान सिकंदर सिंह व सुकन राम शहीद हो गए थे. वहीं आरक्षी आकाश सिंह गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे. घात लगाकर नक्सलियों द्वारा किए गए इस कायराना हरकत के बाद उग्रवादियों के साथ-साथ उनके संरक्षण में आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रहे अफीम तस्करों के हौसले बुलंद थे. लेकिन घटनास्थल के पास से पुलिस ने अभियान की शुरुआत कर अफीम तस्करों और कायर नक्सलियों को यह साफ संदेश दे दिया है कि उनके मंसूबे पूरे नहीं होंगे. न तो नक्सलियों को पर अपने दिया जाएगा और न ही उनके संरक्षण में तस्कर ही अफीम की खेती कर पाएंगे. अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्र में आज कुल 40 एकड़ वन भूमि में लगे पहुंचने की फसल को विनष्ट किया गया है.

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