कश्मीर के सोपोर में आतंकियों ने पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को निशाना बनाकर हमला किया है। इस हमले में पुलिस के दो जवान शहीद व दो घायल हुए हैं। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमले में दो नागरिक मारे गए हैं। एक नागरिक घायल भी हुआ है।
बता दें कि सोपोर के अरंपोरा में तैनात पुलिस और सीआरपीएफ की नाका पार्टी को निशाना बनाकर आतंकियों ने फायरिंग की। इस हमले में दो जवान शहीद हो गए हैं। आतंकियों ने दो स्थानीय नागरिकों की भी जान ले ली।
साथ ही पुलिस के एक वाहन को क्षति पहुंची है। हमला करने के बाद आतंकी फरार हो गए। हमलावरों को पकड़ने के लिए इलाके की घेराबंदी कर बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। हमले की पुष्टि करते हुए कश्मीर जोन के आईजी विजय कुमार ने बताया कि पुलिस के दो जवान शहीद हुए हैं, दो नागरिकों की भी जान गई है। साथ ही दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हमले के पीछे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है।
शहीद होने वाले जवानों में कांस्टेबल वसीम अहमद पुत्र मोहम्मद साकिद भट निवासी नरबल श्रीनगर और कांस्टेबल शौकत अहमद पुत्र अब्दुल गनी निवासी गोरीपोरा बीरवाह बडगाम, शामिल हैं। एसआई मुकेश कुमार और एसपीओ दानिश अहमद घायल हुए हैं।
जान गंवाने वाले नागरिकों में बशीर अहमद खान पुत्र गुलाम हसन निवासी मोहल्ला तलियान सोपोर और शौकत अहमद शल्ला पुत्र गुलाम कादिर निवासी शालीमार कॉलोनी सोपोर शामिल हैं। उधर नईम अहमद खान पुत्र मोहम्मद मकबूल निवासी महराजपोरा सोपोर घायल हुआ है, जिसका उपचार चल रहा है।
इससे पहले शुक्रवार को शोपियां में लिटर अग्लर इलाके में तैनात पुलिस और सीआरपीएफ की नाका पार्टी को आतंकियों ने दूर से निशाना बनाकर कई राउंड फायरिंग की थी। इसके बाद आतंकी फरार हो गए। हालांकि इस हमले में किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ था.
सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की साजिशें रच रहे हैं आतंकी संगठन
बता दें कि आतंकी संगठन लगातार सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की साजिशें रच रहे हैं। घाटी में आतंकियों की दो साजिशों को सुरक्षाबलों ने सोमवार को नाकाम किया था। श्रीनगर नगर निगम के बाहर और त्राल में प्लांट की गई आईईडी बरामद कर आतंकियों के मंसूबे को विफल करने में सफलता मिली। दोनों ही स्थानों पर सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
त्राल के साइमो इलाके में आतंकियों ने सड़क किनारे आईईडी प्लांट कर रखी थी। सुरक्षाबलों की नजर पड़ते ही इस रोड पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई। पूरे इलाके की नाकेबंदी कर बम निरोधक दस्ते को मौके पर बुलाया गया।
बम निरोधक दस्ते ने छानबीन में पाया कि आईईडी का वजन पांच से सात किलो है। जांच के बाद दस्ते ने इसे निष्क्रिय किया। इस रास्ते से सुरक्षाबलों के वाहन लगातार गुजरते रहते हैं। आतंकियों ने इन वाहनों को उड़ाने की साजिश रची थी, जिसे समय रहते नाकाम बना दिया गया था।