रांची: विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. पहले चरण के लिए नोटिफिकेशन के नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. लेकिन इंडिया गठबंधन ने अब तक सीट शेयरिंग फाइनल नहीं की है. अभी तक यह भी तय नहीं हो पाया है कि गठबंधन में कितनी सीटें किस पार्टी को मिलेगी. संभावना जताई जा रही है कि आस बार जेएमएम अपने लिए ज्यादा सीटें मांग रही है. जबकि कांग्रेस को उम्मीद से कम सीटें मिलेगी. इन कयासों के बीच ही पार्टी में विरोध शुरू हो गया है. कांग्रेस आफिस में जुटे कार्यकर्ता सीट बेच देने की चर्चा करते नजर आ रहे है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि आखिर हमलोग कब तक पार्टी के झंडे ढोते रहेंगे. पूरे पांच साल क्षेत्र में काम करते है तो इसका परिणाम यह होता है कि वहां से हमारे उम्मीदवार को मौका ही न मिले. इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा. पार्टी के वरीय नेता भी इन मुद्दों पर चर्चा करने से बच रहे है. हालांकि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर का कहना है कि कार्यकर्ता सालों भर काम करता है. उन्हें भी कुछ उम्मीदें रहती है. लेकिन गठबंधन में हमें साथ मिलकर काम करना है. सरकार बनानी है. इसके लिए कुछ सीटों पर फेर बदल करना पड़ता है. गठबंधन में सीएम का चेहरा जो भी हो लेकिन हमें साथ मिलकर चुनाव लड़ना है. चुनाव में गठबंधन के उम्मीदवार को जीत दिलानी है. इसके लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना है.
वहीं कांग्रेस नेता जेपी पटेल ने कहा कि हमें सरकार से कोई परेशानी नहीं है. बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आने के बाद उन्होंने भी अपनी दावेदारी पेश की है. अब देखना है कि आलाकमान उनपर कितना भरोसा जताती है. उन्होंने कहा कि हर कोई चुनाव लड़ना चाहता है. मैं भी चाहता हूं कि मुझे टिकट मिले. उन्होंने कहा कि मांडू में सीट जेएमएम को देने की चर्चा है. लेकिन वहां पर जेएमएम पिछले चुनाव में तीसरे नंबर पर थी. सीएम हेमंत सोरेन को बनाना है तो हमलोग छोटी-छोटी चीजों पर नहीं उलझेंगे. जहां तक चुनाव की बात है तो शीर्ष नेतृत्व को ही उम्मीदवारों पर फैसला करना है.