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रांची : 15 अक्टूबर से शुरू हो रहे दुर्गोत्सव को लेकर श्रद्धालु उत्साहित हैं. पूजा पंडाल को अंतिम रूप देने की तैयारी चल रही है. रांची में अधिकांश पूजा पंडाल षष्ठी के दिन खुल जाते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

पुश्तैनी व्यवसाय को आगे बढ़ा रहे हैं राकेश

थड़पखना में मूर्ति बना रहे मूर्तिकार रामचंद्र पाल के बेटे राकेश पाल ने बताया की यहां मूर्ति बनाने का काम उनका पुश्तैनी काम है और यह तीन पीढ़ियों से मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया की पिता के साथ वे और उनके बड़े भाई इस काम में यह कार्य बचपन से ही करते आ रहे है.

राजधानी में आकर्षक थीम पर बन रहे पूजा पंडाल

इस बार राजधानी के लोगों को पूजा पंडाल की भव्यता अलग तरह से दिखेगी. अलग-अलग थीम पर पूजा पंडाल बनाने में जुटे कारीगर धार्मिक, सांस्कृतिक और झारखंड की परंपरा के साथ सामाजिक संदेश को देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. हरमू पंच मंदिर दुर्गा पूजा पंडाल में इस दौरान जहां गुजरात के श्री स्वामी नारायण मंदिर के साथ ज्योर्तिलिंग का दर्शन होगा. वहीं, रांची रेलवे स्टेशन के बगल में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और बकरी बाजार में महाभारत आधारित चक्रव्यूह देखने को मिलेगा. कुल मिलाकर यदि बारिश खलल ना डाले तो इस बार की पूजा भी काफी मनभावन होगी.

रांची ही नहीं, दूसरे जिलों के भी लिये जाते हैं ऑर्डर

राकेश पाल बताते हैं मूर्तियों के निर्माण कार्य को लेकर कई समितियों से ऑर्डर मिला है. हालांकि कोई नया ऑर्डर नहीं मिला है मगर इस वर्ष बेहतर होने की उम्मीद है. मूर्तिकार राकेश बताते हैं उनके और उनके पिता के द्वारा बनाई गई मूर्तियां जिले के साथ-साथ जिले से बाहर भी जाती हैं.

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