रांची: कोरोना की तीसरी लहर को लेकर एक तरफ जहां पूरे देश के साथ-साथ झारखंड में भी खतरा मंडरा रहा है वहीं, दूसरी ओर धीरे-धीरे अधिकतर क्षेत्र में राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से अनलॉक के तहत छूट दी जा रही है. हालांकि, शिक्षण संस्थानों को धीरे-धीरे खोला जा रहा है. इसके बावजूद प्राथमिक बच्चों के लिए स्कूल नहीं खोला गया है.

20 सितंबर से शुरू होगी छठी से 8वीं की ऑफलाइन परीक्षाएं

पहले चरण में राज्य सरकार ने 9वीं से लेकर 12वीं और कॉलेज-विश्वविद्यालय खोलने का निर्णय लिया था. लेकिन, पिछले दिनों हुई आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक में छठी से लेकर आठवीं तक की कक्षाएं भी शुरू करने के लिए हरी झंडी दे दी गई है. बता दें कि 20 सितंबर से कक्षा 6, 7, 8 की ऑफलाइन कक्षाएं प्रारंभ हो जाएगी. वहीं 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं की ऑफलाइन कक्षाएं पहले की तरह ही संचालित होगी. ऑनलाइन कक्षाओं के साथ-साथ ऑफलाइन कक्षाओं की व्यवस्था रहेगी.

ये है गाइडलाइन-

  • स्कूल में छात्र, शिक्षकों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा
  • डिजिटल कंटेंट और ऑनलाइन शिक्षा भी जारी रहेगी
  • अटेंडेंस अनिवार्य नहीं किया जायेगा
  • छात्रों के लिए ऑफलाइन क्लास एक विकल्प के रूप में होगा
  • अभिभावकों की अनुमति से ही बच्चे स्कूल जा सकते हैं
  • स्कूल में ग्रुप कल्चरल गतिविधियों पर रोक रहेगी
  • ऑफलाइन टेस्ट और परीक्षा नहीं होगी
  • ऑफलाइन क्लास करने वाले छात्रों के लिए हॉस्टल खोलने की अनुमति दी गई है
  • इसी प्रकार की गाइडलाइन कॉलेजों, आईटीआइ के बाबत भी दिये गये हैं
  • कोचिंग संस्थानों को 18 वर्ष के ऊपर के छात्रों के लिए ही कक्षा चलाने की अनुमति दी गई है

शपथ पत्र लेकर विद्यार्थियों को आना है स्कूल

विद्यार्थियों को शपथ पत्र लेकर ही स्कूल आना है. राज्य सरकार की ओर से स्कूल खोलने को लेकर निर्देश जारी होने के बाद प्राइवेट स्कूल तैयारियों में जुटा है. वहीं सरकारी स्कूलों में अभी भी तैयारी नाकाफी है. हालांकि, एसोसिएशन से जुड़े लोग लगातार कह रहे हैं कि अभिभावकों के साथ-साथ और स्कूल प्रबंधकों को भरोसे में लेकर राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग को एक बार मामले को लेकर चर्चा करनी चाहिए थी. इसके पीछे वजह ये है कि तीसरी लहर को लेकर अभी भी अभिभावकों के मन में डर है तो दूसरी ओर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारी राज्य सरकार के इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं. उनकी मानें तो विद्यार्थियों का पठन-पाठन लंबे समय से बंद था और धीरे-धीरे स्कूल खोलने से विद्यार्थियों की पढाई में गति आएगी.

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