JoharLive team
- फर्जी निकासी मामले में विशेष भू-अर्जन पदाधिकारी ने पांच लोगों पर दर्ज करायी प्राथमिकी
मेदिनीनगर । पलामू जिला की विशेष भू-अर्जन पदाधिकारी निशा तिर्की ने उत्तरी कोयल परियोजना के एसबीआई खाता नंबर 11112105417 से 12 करोड़ 60 लाख की अवैध निकासी का मामला सामने आने पर 5 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। मेदिनीनगर शहर थाने ने 25 अक्टूबर को जिन लोगों को प्राथमिकी दर्ज करायी गई है उनमें तत्कालीन भू-अर्जन पदाधिकारी बांका राम, तत्कालीन नाज़िर रामशंकर सिंह, एसबीआई के मुख्य शाखा प्रबंधक रवींद्र कुमार बड़ाईक के अलावा संवेदक अमित चंदूलाल पटेल और शीतल कंस्ट्रक्शन का नाम शामिल हैं। इनमें रामाशंकर सिंह को 26 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया। शेष नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
12 करोड़ 60 लाख की निकासी का घोटाला विशेष भू-अर्जन कार्यालय से जुड़ा हुआ है। उपायुक्त डॉ. शांतनु कुमार अग्रहरि ने फ़ाइल निबटारे के वक्त अनियमितता का मामला पकड़ा। इसके बाद उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते ही भू-अर्जन विभाग के नाजिर को अपने कक्ष में बुलवाया और पुलिस के हवाले कर दिया। उपायुक्त के निर्देश पर विशेष भू-अर्जन पदाधिकारी निशा तिर्की ने शहर थाना में वर्तमान नाजिर रमाशंकर सिंह उर्फ रविशंकर, तत्कालीन विशेष भू-अर्जन पदाधिकारी बंका राम, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की कचहरी शाखा के पूर्व मैनेजर रवींद्र कुमार बड़ाईक, फर्जी संस्थान शीतल कंस्ट्रक्शन और फर्जी निकासी करने वाला चंदूलाल पटेल समेत कुल पांच लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई है। प्रारंभिक जांच के आधार पर के घोटाले में और भी सफेदपोशों का नाम जुड़े होने के संकेत मिल रहे हैं।
2018 में विशेष भू-अर्जन विभाग के नाम से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में चल रहे खाते के चेक से एक ही दिन में 12 करोड़ 60 लाख रुपये के दो बड़े ट्रांजेक्शन किये गये। इसमें शीतल कंस्ट्रक्शन को एक ही बार में 4 करोड़ 20 लाख की निकासी करने का मौका प्रदान किया गया। वहीं, दूसरी निकासी से संबंधित उक्त विभाग के खाते के चेक से ही चंदूलाल पटेल ने 8 करोड़ 40 लाख रुपये की निकासी की। यह सब बैंक और विभागीय पदाधिकारियों की मिलीभगत से संभव हो पाया। इस मामले में संबंधित अधिकारियों पर मोटी रकम लेन-देन के आरोप लग रहे हैं।