नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आदेश जारी किया है. वहीं आंदोलनरत डॉक्टरों को मंगलवार शाम 5 बजे तक ड्यूटी पर लौटने का निर्देश दिया है. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला व न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कॉलेज की 31 वर्षीय स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले की सुनवाई के दौरान ये फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों को चेतावनी दी है कि यदि वे निर्धारित समय तक ड्यूटी पर नहीं लौटे तो राज्य सरकार उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है. कोर्ट ने कहा कि डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन उनके काम की कीमत पर नहीं हो सकता. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि युवा डॉक्टरों को अब अपने कार्यस्थल पर लौटना चाहिए और यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
विरोध प्रदर्शन हिंसा में बदली
वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार ने न्यायालय को बताया कि बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारी हिंसा में शामिल हो रहे हैं. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि इन प्रदर्शनों के कारण 23 लोगों की मौत हो चुकी है और छह लाख लोगों को जरूरी उपचार नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की स्थिति गंभीर हो गई है और रेजिडेंट डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण कई महत्वपूर्ण चिकित्सीय प्रक्रियाएं प्रभावित हो रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने आंदोलनकारी डॉक्टरों को आश्वस्त किया कि अगर वे निर्धारित समय तक ड्यूटी पर लौटते हैं तो उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.