नई दिल्ली: इलेक्टोरल बॉन्ड यानी राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने के मामले में एसबीआई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बाद भारतीय स्टेट बैंक ने आज मंगलवार 12 मार्च को भारत के चुनाव आयोग को चुनावी बांड पर डाटा प्रदान किया. इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने SBI की याचिका पर सुनवाई की. जिसमें आदेश दिया गया था कि 12 मार्च को चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड के बारे में पूरी जानकारी देने को कहा गया था.

एसबीआई ने 30 जून तक का वक्त मांगा था

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने SBI को सख्त आदेश देते हुए कहा है कि वह 24 घंटे के अंदर (12 मार्च) ही इलेक्टोरल बॉन्ड के बारे में पूरी जानकारी दे. बता दें कि इससे पहले सुनवाई के दौरान SBI की तरफ से पेश हुए सीनियर वकील हरीश साल्वे ने जानकारी देने के लिए 30 जून तक का वक्त मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड को गैरसंवैधानिक बताते हुए इस पर रोक लगा दी थी.

SBI ने ये दिया था हवाला

साल्वे ने सुनवाई के दौरान कहा कि इसके अलावा राजनीतिक दलों का विवरण, पार्टियों को कितने बॉन्ड मिले यह जानकारी भी देना है, लेकिन समस्या यह है कि जानकारी को निकालने के लिए एक पूरी प्रक्रिया को उलटना पड़ेगा. SOP के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि बॉन्ड के खरीदार और बॉन्ड की जानकारी के बीच कोई संबंध ना रखा जाए. हमें यह बताया गया था कि इसे गुप्त रखना है. बॉन्ड खरीदने वाले का नाम और खरीदने की तारीख कोड की गई है, जिसे डिकोड करने में समय लगेगा.

5 जजों की बेंच कर रही सुनवाई

इस मामले पर 5 जजों की बेंच सुनवाई कर रही है, जिसमें चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं.

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