Joharlive Team
- सरयू राय ने कहा था कि लालू ने कार्रवाई के बदले हमें ही प्रताड़ित किया था।
- चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता हैं बिहार के पुर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव।
रांची : झारखंड की राजनीति में सरयू राय और लालू प्रसाद यादव के बीच के किस्से ने दिलचस्प मोड़ ले लिया है। 2017 में सरयू राय लालू प्रसाद यादव के खिलाफ तीन गवाहों में से एक थे। सरयू राय ही मुख्य शिकायतकर्ता भी थे। लेकिन दिलचस्प बात है कि 2019 के विधानसभा चुनाव में लालू यादव के निर्देश पर ही महागठबंधन ने सरयू राय को सपोर्ट किया, जिसके बाद सरयू राय जमशेदपुर पूर्व सीट से मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराकर जीत हासिल की। लालू प्रसाद यादव अभी भी सजायाफ्ता हैं और रांची के रिम्स में इलाजरत हैं।
2017 में आजतक की एक रिपोर्ट के अनुसार सरयू राय ने कहा था कि 4 अक्टूबर 1994 को जय प्रकाश नारायण के जन्मदिन पर मैंने सरकार को मेमोरेंडम दिया। लेकिन लालूजी ने कार्रवाई के बदले हमें प्रताड़ित किया। बता दें कि 90 के दशक में सरयू राय स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर आर्थिक भ्रष्टाचार पर लिखा करते थे। पशुपालन विभाग में हो रहे घोटाले के बारे में सरयू राय को तभी पता चला था। राय ने कहा था कि घोटाले को राजनीतिक संरक्षण मिला है।
विधानसभा अध्यक्ष बन सकते हैं सरयू राय –
महागठबंधन के सीट के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बीच यह भी बात सामने आ रही है कि सरयू राय विधानसभा अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। हालांकि इस बात की पुष्टि महागठबंधन या सरयू राय में से किसी ने नहीं की है। 23 दिसंबर को चुनाव के परिणाम आने के तुरंत बाद सरयू राय और हेमंत सोरेन के बीच फोन पर बातचीत भी हुई है। बता दें कि हेमंत सोरेन की सभा के लिए सरयू राय दुमका भी गए थे। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि हिम्मत तो सरयू के बीच हाल के दिनों में नजदीकियां बढ़ी हैं।