चाईबासा : झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मानहानि मामले में विधायक सरयू राय के खिलाफ चाईबासा के एमपी-एमएलए कोर्ट में 10 मई को शिकायतवाद दाखिल किया था। अब कोर्ट सबूतों के अभाव में सरयू राय को क्लीन चिट दे दी है।

आचरण में बदलाव करें बन्ना गुप्ता- सरयू राय

कोर्ट का फैसला आने के बाद विधायक सरयू राय ने कहा कि, मैं जिस बात को कहता हूं, वह तथ्य के आधार पर कानूनी पहलू को देखकर कहता हूं। उन्होंने बन्ना गुप्ता को लेकर कहा कि, उनका जो आचरण है उसमें बदलाव करें। डंडे के बल पर समाज को हांकना और मंत्री हो गए हैं तो जो मन में आए वह करना। यह तो संविधान की अवहेलना करना हुआ।

कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सुनाया फैसला

अब जनप्रतिनिधियों के विशेष कोर्ट के जस्टिस ऋषि कुमार की कोर्ट ने शिकायतकर्ता के एसए और कोर्ट में जमा किए गए दस्तावेज की जांच की। इस जांच में कोर्ट ने शिकायकर्ता बन्ना गुप्ता के शिकयत को नॉन मेंटेंबल करार दिया। इसके साथ ही कोर्ट में शिकायतकर्ता बन्ना गुप्ता द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों के अनुसार अदालत ने यह पाया कि आरोपी सरयू राय के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है। इसलिए कोर्ट ने विधायक सरयू राय के खिलाफ दायर शिकायत संख्या 182/2023 को खारिज कर दिया। वहीं विधायक सरयू राय की ओर से कोर्ट में वकील अनिंदा मिश्रा, सौरव सिन्हा, प्रतीक शर्मा और महादेव शर्मा पक्ष रख रहे थे।

मंत्री बन्ना गुप्ता ने क्या लगाया था आरोप

दरअसल, मंत्री बन्ना गुप्ता ने विधायक सरयू राय के खिलाफ आरोप लगाया था कि, विधायक सरयू राय ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण अपने सोशल मीडिया (ट्विटर एवं फेसबुक) हैंडल और स्थानीय समाचार पत्रों में गलत जानकारी प्रसारित कर रहे हैं। वहीं मंत्री बन्ना गुप्ता के ऊपर प्रतिबंधित हथियार रखने और उसका उपयोग करने का भी सरयू राय ने आरोप लगाया था। इसके बाद तीन मई को मंत्री बन्ना गुप्ता के वकील प्रकाश झा ने सरयू राय को लीगल नोटिस भेजा था। जिसका विधायक सरयू राय द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया और उस लीगल नोटिस की जगह कूड़ेदान में बताया गया था।

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