कार्तिक पूर्णिमा – बारहों माह की पूर्णिमा में सबसे सर्व श्रेष्ठ,पुण्यप्रद, सर्व मनोकामना की पूर्ति एवं समस्त देवी-देवताओं को प्रसन्न करने की पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा 12 नवम्बर मंगलवार को है। यह पूर्णिमा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह पूर्णिमा बहुत ही पुण्यप्रद है इस दिन गंगा नदी या पवित्र नदी में स्नान कर दीपदान करने से कई यज्ञों के बराबर पुण्य प्राप्त होता है तथा समस्त पापों का नाश हो मनुष्य मोक्ष को प्राप्त होता है।
इस वर्ष की कार्तिक पूर्णिमा कृतिकायुक्त पूर्णिमा है इसे मत्स्यावतार पूर्णिमा,त्रिपुरी पूर्णिमा और महा कार्तिकी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
कार्तिक माह की पूर्णिमा को पवित्र और मंगलकारी है क्यों की
* कार्तिक पूर्णिमा को श्री हरि ने प्रलय काल में चारों वेदों की ऱक्षा के लिए मत्स्य अवतार धारण किया था।।
* महापुण्यप्रद कार्तिक माह की पूर्णिमा को भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध कर उसका अंत किया जिससे त्रिपुरारी के रूप में उनकी पूजा की जाने लगी।।
* कार्तिक पूर्णिमा को ही श्री हरि के बैकुंठधाम में मंगलमयी श्री तुलसी का प्रकाट्य हुआ और इसी दिन देवी तुलसी का पृथ्वी पर जन्म हुआ।।
कार्तिक माह की पूर्णिमा को सुख- संवृद्धि की पूर्णिमा माना गया है इस दिन पवित्र मन से गंगा स्नान और दीपदान करने से समस्त देवी-देवताओं को प्रसन्न किया जाता है तथा अपनी गलतियों के लिए क्षम माँगी जाती है इस दिन सभी देवी-देवताओं की पूजन का अलग महत्व होता है- * इस कार्तिक पूर्णिमा को विशेष संवृद्धि योग्य बन रहा है इस दिन शिवलिंग के दर्शन कर भोलेनाथ को दूध और जल से स्नान करा कर पूजन कर 108 बार ॐ नमः शिवाय का जप करना चाहिए। जरतिक पूर्णिमा को कृतिका नक्षत्र में भोलेनाथ के दर्शन करने से मनुष्य सात जन्मों तक ज्ञानी और धनवान होता है।
* महालक्ष्मी की पूजा- पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी पीपल के वृक्ष में निवास करती है इस दिन मीठे जल में दूध मिलकर पीपल में अर्पित करने तथा वृक्ष के चरों ओर घी का दीपक जला कर माता की आराधना करने से ओ प्रसन्न होती है साथ ही गंगा जल और मिश्री मिश्रित खीर का भोग लगाने से घर में शुभता एव सुख- संवृद्धि आती है।
* पूर्णिमा के दिन श्री हरि सत्यनारायण भगवान का व्रत कर पुरे भक्ति भाव से कथा श्रवण करने से सर्वमनोकामना पूर्ण होती है तथा मनुष्य सुखमय जीवन का भोग करता है।
प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य प्रणव मिश्रा ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रमा जब आकाश में उदित हो रहे हो तब छः कृतिकाओं ( भगवान कार्तिकेय के पालन करनेवाली माताएं) शिवा, संभूति,सन्तति,प्रीति,अनुसूया और क्षमा की पूजन करने से मनुष्य को शिव जी की प्रसंता की प्राप्ति होती है।
माता तुलसी की पूजा वैसे तो पुरे कार्तिक माह इनकी पूजा की जाती है परंतु माता तुलसी को माह लक्ष्मी का रूप माना गया है इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन घी का दिया जला कर इनकी पूजन करना शुभ माना जाता है।
आचार्य प्रणव मिश्रा
आचार्यकुलम, अरगोड़ा, राँची
9031249105