Kolkata : आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर से रेप और हत्या के मुख्य आरोपी संजय रॉय को सियालदह कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. यह सजा 9 अगस्त 2024 को हुई इस जघन्य घटना के 164 दिन बाद सुनाई गई.
West Bengal’s Sealdah court pronounces life imprisonment to convict Sanjay Roy in RG Kar rape-murder case. The court also imposes a fine of Rs 50,000 pic.twitter.com/pPa43LPuKY
— ANI (@ANI) January 20, 2025
इन धाराओं में पाया गया था दोषी
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास ने संजय रॉय को दोषी ठहराते हुए कहा था कि उन्हें उनके अपराध के लिए सजा मिलनी चाहिए. रॉय को भारतीय न्याय संहिता की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी पाया गया है, जिसके तहत अपराधी को मौत की सजा या आजीवन कारावास हो सकता है.
सफाई में संजय रॉय ने कही ये बातें
सजा सुनाए जाने से पहले, जज ने संजय रॉय से कहा, “तुम पर लगाए गए आरोप जैसे बलात्कार और हत्या साबित हो चुके हैं.” इस पर संजय रॉय ने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा, “मुझे झूठे आरोपों में फंसाया गया है. मैं हमेशा रुद्राक्ष की माला पहनता हूं, यदि अपराध करता तो माला टूट जाती. मुझे बोलने नहीं दिया गया और कई कागजों पर जबरदस्ती साइन कराए गए.”
जानें RG Kar Case में कब क्या हुआ
9 अगस्त: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल की तीसरी मंजिल पर पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर अर्धनग्न अवस्था में मृत पाई गई.
10 अगस्त: कोलकाता पुलिस ने आरोपी सिविक वालंटियर संजय रॉय को हिरासत में ले लिया. यह वह समय था जब पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों द्वारा पहली बार विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ.
12 अगस्त: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता पुलिस को मामले को सुलझाने के लिए सात दिन की समयसीमा दी और कहा कि अन्यथा वह इस मामले को सीबीआई को सौंप देंगी. इस बीच, आरजी कर के प्रिंसिपल संदीप घोष ने विरोध के बीच पद छोड़ दिया.
13 अगस्त: कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया और मामले को ‘बेहद वीभत्स’ बताया. कोर्ट ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया. एनएचआरसी ने भी मामले का संज्ञान लिया. आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को लंबी छुट्टी पर जाने का आदेश देते हुए हाई कोर्ट ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया. सीबीआई ने आरोपियों को हिरासत में ले लिया.
14 अगस्त: मामले की जांच के लिए 25 सदस्यों वाली सीबीआई टीम का गठन किया गया. साथ ही एक फोरेंसिक टीम भी बनाई गई. इस बीच, ममता बनर्जी ने विरोध रैली निकालने की घोषणा की.
14 अगस्त: सैकड़ों छात्रों, लोगों और सामाजिक संगठनों ने सड़कों पर उतरकर जघन्य अपराध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
14 और 15 अगस्त की दरमियानी रात: 15 अगस्त को भीड़ ने आरजी कर अस्पताल में घुसकर आपातकालीन विभाग और नर्सिंग स्टेशन में तोड़फोड़ की. आईएमए ने 17 अगस्त को 24 घंटे के लिए देशभर में सेवाएं बंद करने का आह्वान किया है.
16 अगस्त: पुलिस ने तोड़फोड़ के आरोप में 19 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया.
18 अगस्त: घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 20 अगस्त को तय की.
19 अगस्त: सीबीआई ने संदीप घोष से पूछताछ की. जांच एजेंसी को आरोपी पर पॉलीग्राफ टेस्ट करने की अनुमति दी गई और कोर्ट ने इसे पास कर दिया.
20 अगस्त: तत्कालीन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नेशनल प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए 10 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और कोलकाता पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया.
21 अगस्त: केंद्र सरकार ने केंद्रीय बलों को आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा संभालने का निर्देश दिया. इस बीच, कोलकाता पुलिस ने तोड़फोड़ के मामले में तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया.
24 अगस्त: मुख्य आरोपी के साथ-साथ छह अन्य पर लाई डिटेक्शन टेस्ट किए गए.
25 अगस्त: सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, पूर्व एमएसवीपी संजय वशिष्ठ और 13 अन्य के आवास पर छापा मारा.
26 अगस्त: पश्चिम बंग छात्र समाज ने 27 अगस्त को नबन्ना अभियान मार्च की घोषणा की और पश्चिम बंगाल की सीएम का इस्तीफा मांगा.
2 सितंबर: संदीप घोष को 2 सितंबर को आरजी कर अस्पताल में वित्तीय धोखाधड़ी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया.
14 सितंबर: सीबीआई ने संदीप घोष और बलात्कार और हत्या मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी और सबूत गायब होने के आरोप में कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार कर लिया.
3 अक्टूबर: पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए कोलकाता में डब्ल्यूबीजेडीएफ के डॉक्टर भूख हड़ताल पर बैठे और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कई मांगें भी कीं.
7 अक्टूबर: बलात्कार और हत्या मामले में आरोपी संजय रॉय के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की.
21 अक्टूबर: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ लंबे समय से लंबित बैठक के बाद, डब्ल्यूबीजेडीएफ ने अपनी 17 दिन की भूख हड़ताल खत्म कर दी.
4 नवंबर: सियालदह कोर्ट में एकमात्र चार्जशीटेड आरोपी संजय रॉय के खिलाफ सीबीआई ने आरोप तय किए.
11 नवंबर: सियालदह कोर्ट में आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में ट्रायल शुरू हुआ.
12 नवंबर: चार्जशीट दाखिल करने में देरी के कारण बलात्कार और हत्या मामले में अभिजीत मंडल और संदीप घोष सहित आरोपियों को जमानत मिल गई. बलात्कार और हत्या मामले में बंद कमरे में सुनवाई 12 नवंबर को शुरू हुई.
29 नवंबर: सीबीआई ने आरजी कर वित्तीय अनियमितताओं के मामले में 125 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की जिसमें पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का नाम शामिल था.
18 जनवरी: सियालदह कोर्ट संजय रॉय को दोषी करार दिया.
20 जनवरी: सियालदह कोर्ट ने दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई. साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
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