रांची। सिविल कोर्ट के अपर न्यायायुक्त में सुरेंद्र राय हत्याकांड की सुनवाई हुई। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुना, गवाहों के बयान दर्ज हुए, जिसके आधार पर कोर्ट ने संदीप थाना, चंद्रमौली सिंह और सुजीत सिन्हा को दोषी करार दिया। दोषियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही जुर्माना भी लगाया है। बता दें, रांची में गोलीबारी के केस में संदीप थापा को गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद से वह न्यायिक हिरासत में है। वर्ष 2008 में नामकुम थाना क्षेत्र में सुरेंद्र राय की हत्या हुई थी. जिसमें संदीप थापा समेत अन्य 5 आरोपी बनाये गये थे. हत्याकांड को साबित करने के लिए पुलिस ने वैज्ञानिक साक्ष्य इकट्ठा किये थे और गवाहों के बयान दर्ज करवाये थे।
नामकुम थाना क्षेत्र के सिदरौल गांव निवासी सुरेंद्र राय (मुखिया जी) की हत्या जमीन विवाद सुलझाने को लेकर 19 अक्तूबर 2006 की सुबह में अपराधियों ने गोली मारकर कर दी थी। उस समय वह घर पर योगाभ्यास कर रहे थे। घटना के बाद मृतक के बेटे विजेंद्र राय ने नामकुम थाना में प्राथमिकी (कांड संख्या 165/2006) दर्ज कराई थी। 15 साल से अधिक पुराने हत्या मामले में अभियोजन की ओर से 21 गवाहों को प्रस्तुत किया गया। जिसके आधार पर अदालत ने तीनों अभियुक्तों को दोषी पाया है।
बता दें, मामले का एक आरोपी राजेश कुमार उर्फ राजेश सिंह उर्फ अमित सिंह फरार चल रहा है। अदालत ने दिसंबर 2017 में ही राजेश कुमार को भगोड़ा घोषित कर फाइल अलग कर दी थी। नामकुम थाना क्षेत्र के सदाबहार चौक स्थित सुशीला देवी की 3.05 एकड़ जमीन का विवाद अनिल राम के साथ चल रहा था। सुशीला ने सुरेंद्र राय से विवाद सुलझाने के लिए अनुरोध किया था। उनके कहने पर पंचायत भी हुई थी और सुरेंद्र राय ने अनिल राम को स्वयं को संयमित रखने के लिए कहा। पंचायत के एक महीने बाद अनिल राम उनके घर पहुंचा और जान मारने की धमकी दी. मालूम हो कि सरेंद्र राय हत्याकांड में शामिल अनिल राम को 14 जून 2016 को अदालत ने दोषी पाकर उम्रकैद की सजा सुनाई थी।