रांची: फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर दारोगा बने सनत कुमार को हाई कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने सनत कुमार की जमानत याचिका को खारिज करते हुए किसी प्रकार के राहत देने से इंकार कर दिया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने निचली अदालत को 4 माह के अंदर ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया है.
हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज:
झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में इस मामले पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने जमानत की गुहार लगाते हुए उन्हें जमानत देने की मांग की. सनत कुमार ने अदालत को सुनवाई के दौरान सहयोग करने, सभी शर्तों का अनुपालन करने का आश्वासन दिया. वहीं राज्य सरकार के अधिवक्ता ने जमानत का विरोध किया और कहा कि प्रार्थी ने फर्जी सर्टिफिकेट देकर नौकरी प्राप्त की है. इसलिए इन्हें जमानत नहीं दिया जाए. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.
बता दें कि सरकार के अधिवक्ता सूरज कुमार वर्मा ने जानकारी दी कि दारोगा सनत कुमार सिंह की नियुक्ति के पश्चात उनकी प्रमाण पत्रों के वेरिफिकेशन के दौरान फर्जीवाड़ा का पता चला. उन्होंने हिमालयन विश्वविद्यालय से स्नातक का प्रमाण पत्र दिया था. वह प्रमाण पत्र फर्जी निकला. उस समय दारोगा सनत कुमार सिंह सरायकेला थाना में पदस्थापित थे. उसी थाने में उनके खिलाफ वर्ष 2020 में एफआईआर दर्ज की गई. उसी मामले में सरायकेला के निचली अदालत में उन्होंने जमानत याचिका दायर की थी. निचली अदालत से जमानत याचिका खारिज करने के बाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. अब हाई कोर्ट से भी याचिका खारिज हो गई है.