रांची : मोरहाबादी में सोमवार को सखी मंडल का महासम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सीएम चम्पाई सोरेन मौजूद थे. उन्होंने 55 हजार महिला सखी मंडलों के बीच 825 करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदान की. साथ ही कहा कि वर्तमान समय में महिला निर्भर नहीं बल्कि हर मामले में आत्मनिर्भर और स्वतंत्र हैं. राज्य के विकास में महिलाओं का योगदान महत्वपूर्ण है. अब महिलाएं पुरुषों के बराबर हर काम करने में सक्षम हैं. हमारे देश में महिलाओं के अनगिनत प्रेरक उदाहरण हमारे बीच मौजूद हैं. समाज सुधार, राजनीति, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, विज्ञान व अनुसंधान, व्यवसाय, खेलकूद और सैन्य बलों सहित कई क्षेत्रों में हमारी महिला बहन और बेटियों ने अमूल्य योगदान दिया है. झारखंड की हमारी परिश्रमी बहनें और बेटियां राज्य की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ देश के आर्थिक विकास में अहम योगदान दे रहे हैं.
सीएम ने कहा कि मैं आज इस मंच से यहां उपस्थित सभी महिला स्वयं सहायता समूह की दीदियों से अपील करना चाहता हूं कि आप अपनी प्रतिभा पहचाने और विश्वास के साथ आगे बढ़ें. हर कदम हर स्थिति में यह सरकार आपके साथ सदैव खड़ी रहेगी. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार जिस तरह आप दीदियों के साथ खड़ी थी, उसी तरह हम भी आपके हर दु:ख और सुख में साथ रहेंगे. आपके राज्य सरकार की ओर से किसी भी प्रकार से कोई कमी नहीं होने दी जाएगी यह मैं आज आप सभी को विश्वास देने आया हूं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि घर-परिवार के साथ-साथ समाज और राज्य को सही दिशा देने में हमारे एसएचजी ग्रुप की बहन-बेटियां निरंतर बेहतर कार्य कर रही हैं. आज के इस महिला महासम्मेलन में राज्य के लगभग 30 हजार सखी मंडल की महिलाएं भाग ले रही हैं. इसी तरह अन्य चारों प्रमंडल में भी राज्य की लगभग 45 हजार सखी मंडल की बहन-बेटियां इस कार्यक्रम से जुड़ी हैं. हमें यह समझने की जरूरत है कि महिलाएं हमारे समाज की आधारशिला होती हैं और उनके योगदान के बिना हमारा समाज अधूरा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 4 वर्षों में पूर्व मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा लगातार सखी मंडल के माध्यम से राज्य में विकास से जुड़ी योजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है. 2019 से लेकर अब तक करीब 1 लाख 40 हजार एसएचजी समूहों को बैंक क्रेडिट लिंकेज के जरिए 8 हजार 247 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए. वहीं वर्ष 2019 से पहले यह राशि महज 642 करोड़ रुपए थी. म
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे तो पिछले 4 वर्षों में ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले महिला पुरुषों के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाई गई हैं. फूलों झानों आशीर्वाद योजना के माध्यम से हड़िया-दारु के व्यवसाय से जुड़ी महिलाओं को सम्मानजनक रोजगार से जोड़ा जा रहा है. चिन्हित महिलाओं को वैकल्पिक रोजगार के लिए 50 हजार रुपए तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है. राज्य में अब तक 33,000 से ज्यादा महिलाओं ने इस योजना का लाभ उठाया और सम्मानजनक जीवन की शुरुआत की है. महिलाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धुरी हैं. हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण कर राज्य को विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल करने के लक्ष्य से आगे बढ़ रही है.
पीएम आवास योजना से वंचित परिवारों को देंगे अबुआ आवास योजना का लाभ गरीब जरूरतमंद परिवारों तक हम अबुआ आवास योजना का लाभ पहुंचाएंगे. 30 लाख आवेदन में से सरकार 20 लाख पात्र परिवारों को अबुआ आवास देने का कार्य करेगी.
इस अवसर पर मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव चंद्रशेखर सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण एवं राज्यभर से पहुंचे महिला सखी मंडल की महिलाएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे.
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