Joharlive Desk
नयी दिल्ली। कोरोना वायरस से निटपने के लिए 24 मार्च से लागू लॉकडाउन के कारण अब तक देश के खुदरा कारोबारियों को 5.50 लाख करोड़ रुपये के व्यापार के नुकसान का अनुमान व्यक्त करते हुये कैट ने सरकार से प्रर्याप्त पैकेज दिये जाने की अपील की है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने कहा कि जब से 24 मार्च को देश में लॉकडाउन लागू किया गया था तब से लेकर 30 अप्रैल तक भारतीय खुदरा व्यापार में लगभग 5.50 लाख करोड़ रुपये का व्यापार नहीं हुआ और व्यापार न होने से कम से कम 20 प्रतिशत व्यापारियों और उन व्यापारियों पर निर्भर लगभग 10 अन्य व्यापारियों द्वारा अपना व्यापार बंद करने की संभावना है । लॉक डाउन ने भारतीय खुदरा विक्रेताओं के अगले कुछ महीनों के कारोबार को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।
कैट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह किया है की सरकार देश के व्यापारिक समुदाय को संभालने और व्यापारियों को उनके अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त पैकेज दे जिससे देश के व्यापार को इस कठिन समय से उबारा जा सके ।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि करोना ने भारतीय खुदरा व्यापार में बहुत बड़ी अपूरणीय सेंध लगाई है जिसका पूरे देश देश की अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा भारतीय रिटेलर्स लगभग 15,000 करोड़ का दैनिक कारोबार करते हैं और देश में 40 दिनों से अधिक समय से तालाबंदी चल रही है, इसका मतलब है कि 5.50 लाख करोड़ से अधिक का भारी नुकसान हुआ है जो कि भारत के 7 करोड़ व्यापारियों द्वारा किया जाता है।उन्होंने कहा कि इन 7 करोड़ व्यापारियों में से लगभग 1.5 करोड़ व्यापारियों द्वारा कुछ महीनों में ही अपने व्यापार को स्थायी रूप से बंद करना होगा और लगभग 75 लाख व्यापारी जो इन 1.5 करोड़ व्यापारियों पर निर्भर हैं उन्हें भी अपना व्यापार बंद करने पर मजबूर होना पड़ेगा ।
श्री खंडेलवाल ने कहा कि भारत में कम से कम 2.5 करोड़ व्यापारी बेहद सूक्ष्म और छोटे हैं जिनके पास इस गंभीर आर्थिक तबाही से बचने का कोई रास्ता नहीं है ।उनके पास ऐसे परिदृश्य में अपने व्यापार के संचालन हेतु पर्याप्त पूंजी नहीं है एक तरफ उन्हें वेतन, किराया, अन्य मासिक खर्चों का भुगतान करना पड़ रहा है और दूसरी ओर उन्हें उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल आय में तेज गिरावट के साथ-साथ सख्त सामाजिक दूरता मानदंडों के साथ व्यवहार करना होगा जो व्यापार को सामान्य स्थिति में नहीं आने देंगे और ऐसा कम से कम आगामी 6-9 महीने तक चलेगा।भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से ही मंदी के दौर से गुजर रही थी और पूरे क्षेत्र में मांग में भारी गिरावट आई थी, लेकिन इस घातक बीमारी ने भारत के रिटेल व्यापार को पूरी तरह तबाह कर दिया है ।