रांची : राजधानी के दूसरे सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सदर हॉस्पिटल की पुरानी बिल्डिंग को संरक्षित करने का काम शुरू हो गया है. पहले एक करोड़ रुपए खर्च कर इस बिल्डिंग को हेरिटेज के रूप में बदला जा रहा था. जिसके तहत इसके मूल स्वरूप में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. इसी पर महीनों से काम भी चल रहा है. अब सरकार ने इस भवन को बचाने के लिए 1.85 करोड़ का और आवंटन दिया है. अब भवन को संरक्षित करने के साथ ही उसमें कई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. बता दें कि डैमैज हो चुके भवन को दुरुस्त किया जाएगा. इससे पहले सरकार ने इस बिल्डिंग को बचाने के लिए एक करोड़ रुपए खर्च करने की स्वीकृति दी थीं.

1930 में हुआ था भवन का निर्माण

सदर हास्पिटल का पुराना भवन आजादी के पहले है. जिसका निर्माण अंग्रेजों ने 1930 में कराया था. करीब 93 साल पहले बना यह भवन आज भी काफी सुरक्षित है,  क्योंकि इसकी दीवार 40 इंच मोटी है. सुरखी और चूना से छत की ढलाई की गई है. गर्मी के मौसम में भी यह भवन गर्म नहीं होता. इसलिए सदर हॉस्पिटल के पुराने भवन को धरोहर के रूप में संरक्षित करने की योजना बनाई गई. जबकि पहले यह भवन जर्जर होता जा रहा था. यह देखते हुए इस गिराने को लेकर विचार विमर्श चल रहा था. लेकिन बाद में इसे संरक्षित करने को लेकर सरकार ने स्वीकृति दी.

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