Joharlive Team
रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी आरपीएन सिंह ने गुरुवार को वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार के लाए गए कृषि विधेयक के विरोध में कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार फिर से देश में जमींदारी प्रथा को लाने का प्रयास कर रही है, इस विधेयक की वजह से किसानों का हक और अधिकार छिन जाएगा, उनकी उपज की सही कीमत भी नहीं मिलेगी। ऐसे में इसका पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह खुद भी झारखंड प्रदेश में विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल रहेंगे।
कार्यक्रम में मौजूद कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव सह वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि विधेयक में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की बात की जा रही है, लेकिन पूंजीपति क्या प्राइस देंगे, उसकी चर्चा नहीं की गई है, अभी देश में एमएसपी के तहत चावल, गेहूं और अन्य सामान बेचे जा सकते हैं। जिसमें साफ है कि मिनिमम प्राइस कितना रहेगा, लेकिन कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के तहत कितना रेट होगा, यह देखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कानून में मिनिमम प्राइस बताना होगा, नहीं तो मनमानी शुरू हो जाएगी। उन्होंने प्रधानमंत्री के गारंटी देने के मामले को लेकर कहा कि नोटबंदी के दौरान भी उन्होंने कालाधन वापस लाने की गारंटी दी थी। जीएसटी कानून के तहत टैक्स व्यवस्था में सुधार और राज्य के रेवेन्यू कलेक्शन बढ़ने की बात कही गई थी, लेकिन किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत कंपनसेशन देने की बात कही गई थी, लेकिन वह भी नहीं मिला, प्रधानमंत्री कहते कुछ और हैं और करते कुछ और हैं। ऐसे में कृषि विधेयक को किसानों के लिए कैसे लाभदायक माना जा सकता है।