रांची: रांची मण्डल के आरपीएफ कमांडेंट पवन कुमार के निर्देश पर नाबालिग बच्चों को बचाने के लिए आरपीएफ की टीम गठित की गई है. 19 जुलाई को रांची रेलवे स्टेशन पर एएचटीयू टीम और नन्हे फरिश्ते टीम ने चेकिंग के दौरान प्लेटफ़ॉर्म संख्या 1 पर 3 नाबालिग लड़कों को संदेहास्पद रूप से बैठे हुए देखा. उनके साथ एक व्यक्ति भी था. पूछताछ में उसने अपना नाम छोटू कुमार और पता बछवाड़ा बेगुसराय बताया. नाबालिग लड़कों ने पूछताछ पर खुलासा किया कि एक व्यक्ति जिसका नाम कुंदन सदा, बछवाड़ा बेगुसराय ने विशाखापट्टनम में खाना बनाने के लिए 14,000 रुपये वेतन दिलाने का वादा किया था. 1000 रुपये एडवांस भी दिये थे. जिसके बाद वे सभी बछवाड़ा स्टेशन पर छोटू कुमार से मिले और विशाखापत्तनम जाने के लिए उसके साथ ट्रेन से रांची आये. छोटू ने आगे पूछताछ करने पर बताया कि विशाखापत्तनम स्टेशन के पास वह ठेकेदार राहुल कुमार इटाढ़ी पीरो भोजपुर के अधीन रेलवे में नाली बनाने का काम करता है. उनसे विशाखापत्तनम में बच्चों को लाने के लिए कहा गया था. छोटू कुमार को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए एएचटीयू पुलिस कोतवाली, रांची को सौंप दिया गया. जहां छोटू कुमार, कुंदन सदा और राहुल कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. वहीं तीनों नाबालिग लड़कों को सीडब्ल्यूसी रांची के मौखिक आदेश पर बालाश्रय शेल्टर होम रांची को सौंप दिया गया.
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