रांची: राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में बहाली को लेकर विज्ञापन निकाला गया. इसके लिए डॉक्टर आवेदन भी कर रहे है. लेकिन बहाली में रिजर्वेशन रोस्टर का पालन नहीं किया जा रहा है. इसे लेकर डॉक्टरों ने सीएम चंपाई सोरेन को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है. साथ लिखा है कि रिम्स द्वारा विज्ञापन सं. 522 दिनांक 13.03.2024 को बहाली निकाला गया है. जिसमें अनुसूचित जनजाति श्रेणी न्यूरो सर्जरी विभाग रिम्स में सहायक प्राध्यापक को आरक्षण सीट से बाहर रखा गया है. साथ ही और भी विभागों में रोस्टर का अनुपालन नहीं किया गया है. डॉक्टरों ने लिखा है कि विषय के संदर्भ में कहना है कि पत्रांक सं. 522 दिनांक 13.03.2024 को रिम्स में विज्ञापन निकाला गया है जिसमें अनुसूचित जनजाति का रोस्टर में अनुपालन नहीं किया गया है. पूर्व में भी न्यूरो सर्जरी विभाग में आरक्षित सीट पर अनुसूचित जनजाति के डॉ थॉमस मिंज कार्यरत थे, जो अभी सेवानिवृत हो चुके हैं. डॉक्टरों ने आग्रह किया है कि झारखण्ड प्रदेश आरक्षण नियमावली के तहत उपरोक्त निकाली गयी बहाली में अनुसूचित जनजाति वर्ग के डॉक्टरों को ध्यान में रखते हुए नियुक्ति रोस्टर में संशोधन किया जाये. जिससे कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के डॉक्टरों का राज्य की जनता के स्वस्थ्य सेवा के लिए भगीदारी सुनिश्चित हो सके.
इस पर कराया ध्यान आकृष्ट
1. रिम्स रेगुलेशन 2014 के कंडिका 11 में अंकित है कि रिम्स रांची, एम्स दिल्ली के रेगुलेशन को मानती है. एम्स दिल्ली में सिर्फ सहायक प्राध्यापक (Assistant Professor) की पोस्ट पर ही नियुक्ति होती है. अतः रिम्स रांची के इस नियुक्ति विज्ञापन सं. 522 दिनांक- 13.03.2024 नियम संगत प्रतीत नहीं होता है.
2. रिम्स द्वारा विज्ञापन सं.- 522 दिनांक- 13.03.2024 को बहाली निकाला गया है जिसमें अनुसूचित जनजाति श्रेणी न्यूरो सर्जरी विभाग रिम्स में सहायक प्राध्यापक के आरक्षित सीट से बाहर रखा गया है; साथ ही रोस्टर का अनुपालन नहीं किया गया है.