रांची। साहिबगंज की महिला थानेदार रूपा तिर्की मौत मामले में झारखंड सरकार ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। तीन मई को उनके सरकारी आवास में रस्सी से लटका हुआ शव मिला था। रूपा के स्वजन घटना के बाद से ही हत्या की आशंका जता रहे हैं। मीडिया में छपी रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से इस केस से संबंधित जांच रिपोर्ट मांगी थी।
राज्य सरकार की गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने भेजी गई अपनी रिपोर्ट में बताया है कि रूपा तिर्की की मौत के मामले में साहिबगंज के बोरियो (जिरवाबाड़ी) थाने में अस्वाभाविक मौत (यूडी) केस दर्ज किया गया था। मेडिकल बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया था, पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण फांसी लगना आया था। इससे यह पता चला था कि रूपा तिर्की की हत्या नहीं की गई। पूरा मामला आत्महत्या का है।
डीएसपी मुख्यालय के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच दल का गठन
रिपोर्ट में आयोग को बताया गया है कि घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए साहिबगंज के डीएसपी मुख्यालय के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया था। पांच सदस्यीय जांच दल ने अपनी जांच रिपोर्ट दी है। इसमें बताया है कि सहयोगी दारोगा शिव कुमार कनौजिया ने रूपा तिर्की की भावनाओं को आहत किया। इसके चलते रूपा तिर्की ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस आत्महत्या के लिए प्रथम दृष्ट्या शिव कुमार कनौजिया जिम्मेवार पाया गया।