साहिबगंज। साहिबंगज की तत्कालीन महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की आत्महत्या केस में पुलिस और डाक्टरों ने बड़ी गलती की है। यह गलती सीबीआइ ने पकड़ी है। हालांकि यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है कि यह साजिश है या महज संयोग। इस मुद्दे पर पुलिस और डाक्टरों के पक्ष से सीबीआइ संतुष्ट नहीं है। सीबीआइ विशेषज्ञ चिकित्सकों से मंतव्य लेने की तैयारी कर रही है। एम्स दिल्ली से भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर राय ली जा सकती है। हाई कोर्ट रांची के आदेश पर तिर्की आत्महत्या केस की सीबीआइ जांच कर रही है।
क्यों नहीं सुरक्षित रखा बिसरा ?
सीबीआइ अधिकारियों ने साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की के शव का पोस्टमार्टम करनेवाले चिकित्सकों से पूछताछ की है। यह पूछताछ सदर अस्पताल परिसर में स्थित वेयर हाउस में हुई। इस दौरान सीबीआइ अधिकारियों ने डा. मोहन पासवान, डा. इकबाल व डा. रणविजय कुमार से कई सवाल पूछे। बिसरा सुरक्षित न रखने का कारण भी पूछा।
दो परिस्थिति में बिसरा सुरक्षित रखा जाता है। एक-पुलिस ऐसा करने के लिए डाक्टरों से अनुरोध करती है। दूसरा-खुद डाक्टर निर्णय लेते हैं। रूपा तिर्की आत्महत्या केस संवेदनशील होते हुए भी बिसरा सुरक्षित नहीं रखा गया। इसके लिए न तो पुलिस और न ही डाक्टरों ने पहल की।