Joharlive Team
रामगढ़। कुख्यात अमन साहू को मदद पहुंचाने मामले में कक्षपाल धर्मेंद्र साही को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। रामगढ़ पुलिस की टीम ने आरोपी धर्मेंद्र को लातेहार से पकड़ा है। वर्तमान में वह लातेहार जेल में कक्षपाल में पदस्थापित है। गिरफ्तार धर्मेंद्र की पूरी टीम कुख्यात अपराधी अमन साहू के लिए काम करती थी। रामगढ़ एसपी प्रभात कुमार ने बुधवार को प्रेसवार्ता में इसका खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि पिछले 3 वर्षों से धर्मेंद्र अमन साहू के संपर्क में था। गिरफ्तार धर्मेंद्र और अमन के बीच सांठगांठ तब हुई थी, जब वर्ष 2017 में अमन रामगढ़ जेल में बंद था। गिरफ्तार धर्मेंद्र बिहार में जहानाबाद जिला अंतर्गत गगनपूरा गांव का रहने वाला है। धर्मेंद्र तीन वर्ष पूर्व जेल में बंद कुख्यात अमन साहू को रंगदारी मांगने के लिए अपने फोन को उपलब्ध कराता था।
2 जनवरी 2017 को छापेमारी में मिला था मोबाइल
एसपी ने बताया कि 2 जनवरी 2017 को रामगढ़ जेल में छापेमारी के दौरान कुख्यात अमन साहू के पास से एक मोबाइल बरामद हुआ था। जब छानबीन की गई तो पता चला कि उस नंबर से कई व्यवसाईयों और ठेकेदारों से फ़ोन पर रंगदारी मांगी गई थी। इसके अलावा कई ट्रांसपोर्टिंग और आउटसोर्सिंग कंपनियों के मालिकों को फोन किया गया था। जांच में यह बातें भी सामने आई कि रामगढ़ जेल में चार कक्षपाल उसकी मदद करते थे। वह लोग अमन साहू के लिए मोबाइल और सिम कार्ड लाते थे।
एसपी ने बताया कि 2017 में दर्ज कांड 2/17 में कार्रवाई करते हुए तीन कक्षपालों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। धर्मेंद्र शाही उस वक्त फरार हो गया था। उसे निलंबित किया गया था, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई। इस मामले में तत्कालीन उपकारा अधीक्षक हमीद अख्तर के बयान पर अमन साहू व उसके सहयोगियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी।
अमन के फरार होने के बाद धर्मेंद्र ने कराया था तबादला
एसपी ने बताया कि कुख्यात अमन के फरार होने के दौरान ही धर्मेंद्र शाही ने अपना ट्रांसफर लातेहार जिला में करवा लिया। इस बीच उसके खिलाफ पुलिस लगातार छापेमारी करती रही। मगर, कोई उपलब्धि हासिल नही हुआ। इसके बाद रजरप्पा पुलिस ने धर्मेंद्र शाही के खिलाफ वारंट निर्गत करवाया। उसे पकड़ने के लिए स्पेशल टीम गठित की गई। डीएसपी प्रकाश सोए के नेतृत्व में टीम लातेहार गई और धर्मेंद्र शाही को गिरफ्तार कर रामगढ़ ले आई। पूछताछ के दौरान उसने कई राज उगले हैं।