जामताड़ा: गुरुवार को महिला कॉलेज के समक्ष सड़क पर काफी गहमागहमी का माहौल दिखाई दिया. बगैर हेलमेट या बगैर लाइसेंस वाले वाहन चालक मौके से पहले ही रूक कर चिंतन मंथन करते दिखाई दिए. एनसीसी की वर्दी में दर्जनों बच्चियों ने सड़क पर आने जाने वाले वाहन चालकों को रोककर उनसे सड़क सुरक्षा के बाबत जानकारी लेने और देने का काम किया. चूंकि वर्दी पुलिसिया थी इसलिए बगैर हेलमेट और बगैर लाइसेंस वाले लोग दूर से ही घबरा गए थे.
असल में मामला था सड़क सुरक्षा माह कार्यक्रम से जुड़ा हुआ. मौके पर उपस्थित जिला सड़क सुरक्षा प्रबंधक तौसीफ जलीली ने बताया कि यह एक जागरूकता कार्यक्रम है, जो सड़क सुरक्षा माह के तहत चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम में हम लोग एनसीसी के बच्चियों के माध्यम से सड़क पर बगैर हेलमेट, बगैर सीट बेल्ट लगाकर चलने वाले लोगों को रोक कर उन्हें जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं. राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के अवसर जिला के विभिन्न सड़कों में सड़क सुरक्षा टीम/पुलिस पदाधिकारी/ एनसीसी कैडेट्स के द्वारा लोगों के बीच सड़क सुरक्षा से संबंधित पैंपलेट/पोस्टर वितरण किया गया. साथ ही एमवीआई एक्ट के तहत नियम का पालन नहीं करने वाले लोगों पर आवश्यक करवाई भी की गई.
इस दौरान जिला परिवहन पदाधिकारी अजय कुमार तिर्की द्वारा बताया गया कि आए दिन सड़क दुर्घटना लोगों के लिए एक मुख्य समस्या बन गई है. इसके पीछे हेलमेट न पहनना, वाहन चालक की गलती, साइन बोर्ड का सही जगह पर न होना, नींद, थकान या नशे की हालत में वाहन चलाना, वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल करना, गलत लेन मे गाड़ी चलाना, ट्रैफिक नियमों का पालन न करना सहित कई कारण हो सकते है. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना के बाद एक घंटे का गोल्डेन समय होता है जिसमें घायल व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाई जा सकती है.
जिला परिवहन पदाधिकारी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपने आस-पास रहने वाले लोगों को सड़क सुरक्षा से जागरूक करें. बच्चों को भी ऐसी गाड़ियों से विद्यालय न भेजें जिसका फिटनेस टेस्ट व रजिस्ट्रेशन न हुआ हो. इसका ध्यान देने से काफी हद तक खुद के साथ लोगों को दुर्घटनाओं से बचा सकते हैं. एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते सभी का परम कर्तव्य बनता है कि सरकार के इस अभियान को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं और सड़क सुरक्षा माह को सफल बनाएं.